भरदा, चंगोरीघाट में महाशिवरात्रि मेला 66वां वर्ष आयोजन 1 मार्च को, उपस्थित होगें सैकड़ो श्रध्दालु

अंडा । दुर्ग विकास खंड के एक प्रसिद्ध मेला ग्राम भरदा चंगोरी (बगीचा) यह महाशिवरात्रि मेला प्रारंभ मे 6 गांवो का संयुक्त उपक्रम रहा। सन् 1956 में तात्कालीन ग्राम प्रमुखों के सौजन्य से मेला का आयोजन प्रारम्भ किया गया । जिसमे दाऊ उमेन्द्र सिह भारदीय भरदा, उदयराम भारदीय भरदा, गजपति देशमुख चंगोरी, भीषम देशमुख चंगोरीी, अछोटी, आलबरस , खाड़ा, रुदा के सभी सज्जन वृन्द शामिल थे। सभी ने मिलकर भरदा बगीचा चंगोरी घाट में 2 दिवसीय महाशिवरात्रि मेला का आयोजन प्रारम्भ किया । जोकि चंगोरी मेला के नाम से प्रसिध्द हैं। एवं आस पास के गाँवों में सास्कृतिक उत्सव भी धूमधाम से मनाया जाता हैं। चूकिं दूर दराज से मेला देखने पुहुना आते हैं। इनके मनोरंजन के लिए पुरा ध्यान दिये जाते हैं।

जिसमे 28 फरवरी को शाम 4 बजे सात नदियों के जल से भगवान शिव का जलाभिषेक पूजा सत्यनारायण व्रत कथा ,हवन,आरती का कार्यक्रम होते आ रहा हैं।

फिर 1 मार्च दिन मंगलवार को भक्तजनों द्वारा श्रीशिव पूजा एवं मेला मड़ई का आयोजन किया जायेगा।शिवनाथ, खरखरा,तांदुला नदी के इस पावन त्रिवेणी संगम के बीच शिवलिंग की स्थापना की। मेला के प्रारंभ से ही मेला के एक दिन पूर्व शिवमंदिर मे शिवजी का जलाभिषेक, सत्यनारायण व्रत कथा एवम् हवन का कार्यक्रम होते आ रहा है। त्रिवेणी संगम में स्थापित होने के कारण ही शिव मंदिर की मान्यता मे लगातार वृद्धि हो रही है।

छ.ग. प्रदेश सरकार के गृह एवं जेल, लोकनिर्माण, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू जी से उनके सहयोगी रहे स्वः डॉ. पुकेश्वर सिंह भारदीय ने आने वाले वर्ष में त्रिवेणी संगम के इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल की घोषणा करने के लिए चर्चा की थी।

क्षेत्रीय जनपद सदस्य टिकेश्वरी देशमुख एंव पंचायत प्रतिनिधियों ने क्षेत्रीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री ताम्रध्वज साहू से चर्चा कर पर्यटन स्थल घोसणा की माँग किये हैं। मेला के साथ साथ वर्ष भर सैकड़ों पर्टयक प्रतिदिन वहाँ आते हैं। एवं त्रिवेणी संगम होने के कारण पर्यटन स्थल होने के साथ साथ धर्मस्व स्थल बनाने की योजना हैं।