राजकुमार सिंह ठाकुर
कवर्धा । ब्लाक सहित जिला के 104 शिक्षक अपने विद्यालय से 14 अक्टूबर को स्थानांतरित जिले के लिए कार्यमुक्त हो चुके हैं।साथ ही अपने बीईओ कार्यालय से भी कार्यमुक्त हो चुके हैं।किंतु जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा इन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया है,जिसके चलते ये शिक्षक अपने पुराने विद्यालय में अध्यापन नहीं कर पा रहे हैं तथा स्थानन्तरित विद्यालय भी नहीं जा पा रहे हैं।बताया जा रहा है कि शिक्षकों की कमी का हवाला देकर इन स्थानांतरित शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किया गया है,लेकिन डीईओ कार्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति से इस उद्देश्य की पूर्ति नहीं पा रही हैं।शिक्षक प्रतिदिन अपनी उपस्थिति जिला शिक्षा अधिकारी कार्यलय में दे रहे हैं।इससे भला स्कूल के बच्चों को क्या लाभ होगा।पिछले करीब महीने भर से ये शिक्षक किसी स्कूल में नहीं गए हैं,रिलीविंग की आस में प्रतिदिन डीईओ कार्यालय जा रहे हैं।जिन्हें न तो पुराने विद्यालय भेजा जा रहा है,न ही नये विदयालय को भेजा जा रहा है।इस प्रकार दोनों विद्यालय की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है।जिले में जिन कर्मचारियों का स्थानांतरण किया गया है उंन्हे कार्यमुक्त कर राज्य शासन के आदेश की अवहेलना की जा रही है।दुर्ग संभाग के संयुक्त संचालक ने तीन दिवस के भीतर सभी कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने का आदेश भी जारी किया है, किंतु जिले में इसका भी पालन नहीं किया जा रहा है।स्थानांतरित कर्मचारी लगातार डीईओ कार्यालय व मंत्री के चक्कर काट रहे हैं।*कुछ लोग हो चुके हैं कार्यमुक्त*- जिले से 200 से अधिक कर्मचारियों का स्थानांतरण अन्य जिलों में किया गया था।जिसमे से करीब 100 कर्मचारियों 13 अक्टूबर को कार्यमुक्त कर दिया गया था,जिसके पश्चात 14 अक्टूबर को शेष बचे 104 कर्मचारियों को रोक दिया गया है।इसे लेकर जिले में अनेक तरह की चर्चाएं हो रही हैं।लेन – देन की बातें लोगों द्वारा की जा रही है।
