5 कमरों में लगती है 17 कक्षाएं।प्रयोगशाला व वाचनालय भी नहीं, शासन नहीं ले रही सुध

राजकुमार सिंह ठाकुर

पंडरिया । नगर में संचालित इंदिरा गांधी महाविद्यालय में लंबे समय से सुविधाओं का आभाव है।शासन द्वारा उक्त महाविद्यालय की लंबे समय से उपेक्षा की जा रही है।नगर के महाविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएशन की कक्षाएं संचालित हैं,जबकि भवन व सुविधाएं केवल बीए तक की कक्षाओं के लिए है।महाविद्यालय में 17 कक्षाएं लगती है जिसके लिए केवल पांच कमरे ही हैं।बीए,बीएससी व बीकॉम के लिए 9 कमरों तथा चार विषयों पर एमए के लिए 8 कमरों की जरूरत है।लेकिन कमरे नहीं होने के कारण कक्षाएं प्रभावित हो रही है। उक्त महाविद्यालय 1984 में खुला था,जो लंबे समय तक बुनियादी स्कूल के बिल्डिंग में संचालित था।जिसके बाद 2002 में कालेज को बिल्डिंग मिला था।उक्त बिल्डिंग का निर्माण 2002 में बीए की तीन कक्षाओं के लिए हुआ था।जिसके आज बीए,बीएससी, बीकॉम व एमए की पढ़ाई हो रही है।महाविद्यालय में कक्षाएं तो बढ़ा दी गयी है।लेकिन कक्षाओं के अनुपात में कमरे व सुविधाएं प्रदान नहीं की गयी है।

प्रयोगशाला व वाचनालय के लिए भी भवन नहीं- नगर के महाविद्यालय में वाचनालय व प्रयोगशाला वैकल्पिक कमरों में संचालित है।इनके लिए भवन का निर्माण नहीं किया गया है।जिसके चलते छात्र-छात्राओं को इनका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है।केवल नाम मात्र के लिए प्रयोगशाला व वाचनालय बनाये गए हैं।

“छात्र-छात्राओं के अध्यापन के लिए 12 कमरों की आवश्यकता है। उच्च शिक्षा आयुक्त व रूसा कार्यालय रायपुर से अगस्त माह में कक्षा संचालित करने कमरों व अन्य सुविधाओं की मांग की मांग की गई थी।

मदन कश्यप,प्राचार्य इंदिरा गांधी महाविद्यालय पण्डारिया