पेटा के जंगल में 40 हाथियों का डेरा, हाइवे के करीब आकर लौट गए

चंद्रभान यादव

जशपुर । बुधवार की शाम एनएच पार कराने के लिए वन कर्मियों ने डेढ़ घंटे ट्रैफिक रोका, लेकिन हाथी 50 मीटर दूर से ही लौट गए वापस जंगल के भीतरबगीचा वन परिक्षेत्र में सरगुजा से पहुंचे 40 हाथियों को दल को मंगलवार की शाम राम को स्टेट हाइवे नहीं पार कराया जा सका। वन विभाग के कर्मचारियों ने रात 8 बजे से करीब डेढ़ घंटे तक स्टेट हाइवे पर आवागमन बंद कराया था, क्योंकि हाथियों का दल पेटा जंगल के पास सड़क के बिल्कुल नजदीक था। डेढ़ घंटे तक सड़क से महज 50 मीटर की दूरी पर हाथी रहे, लेकिन उन्होंने सड़क पार नहीं किया।देर रात तक वन विभाग के कर्मचारियों की निगरानी दल पर बनी रही। रात में हाथियों का दल वापस पेटा जंगल की ओर लौट गया। यह दल पेटा के जंगल से निकलकर झिक्की के जंगल में जाने वाला है। पर रास्ते में चरईडांड़-बतौली स्टेट हाइवे है। इस सड़क पर दिनरात वाहनों का आवागमन लगा रहता है। रात के वक्त भी इस सड़क से दर्जनों रात्रिकालीन बसें और चारपहिया वाहनों का आवागमन होता है। जशपुर से बगीचा, अंबिकापुर और यूपी के वाराणसी जाने के लिए लोग इस सड़क का उपयोग करते हैं।इस सड़क पर फिलहाल रात के वक्त सफर खतरा बना हुआ है। हालांकि सुरक्षा की दृष्टिकोण से वन विभाग के कर्मचारी जरूरत पड़ने पर सड़क पर आवागमन रोकने को तैयार बैठे हैं और दल पर भी विभाग की निगरानी बनी हुई है। दल को सड़क पार कराने की मंगलवार की कार्रवाई सफल नहीं हो पाई। बुधवार की रात को वन विभाग की टीम ने फिर से हाथियों को सड़क पार कराने के लिए तैयारी शुरू की थी। रात में हाथियों के रोड क्रॉसिंग के लिए फिर से आवागमन रोका गया।फिर फसलों को नुकसान हाथियों के दल की वजह से कदमटोली व पेटा गांव में फिर से फसल को नुकसान पहुंचा है। इस दल को लेकर ग्राम कदमटोली, छिछली, चरकाघाट, गढ़कोना, जामुनजोबला, महादेवजोबला और कंचनडीह को अलर्ट पर रखा गया है। वन विभाग की ओर से ग्रामीणों को जंगल ना जाने की सलाह दी गई है और फसल की चिंता ना कर जान माल की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की समझाईश दी जा रही है। फसलों के नुकसान का आंकलन भी शुरू कर दिया है।रोड पार कराया जाएगा^बुधवार की रात को दल को स्टेट हाइवे की सड़क को पार कराने की दोबारा कोशिश होगी। फसल नुकसान का आंकलन शुरू कर दिया गया है। दो दिन में आंकलन पूरा होगा, तभी स्पष्ट होगा कि कितना नुकसान हुआ है। दल पर निगरानी लगातार बनी हुई है। अशोक सिंह, रेंजर, बगीचा।