55 साल पुराने बदौरा रेस्ट हाऊस का मरम्मत के अभाव में खंडहर की स्थिति

राजकुमार सिंह ठाकुर

पंडरिया । ब्लाक अंतर्गत वनों के बीच स्थित वन विभाग का एकमात्र रेस्ट हाऊस में वर्षों से मरम्मत नहीं होने के कारण खंडहर बनते जा रहा है। मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर बदौरा में स्थित रेस्ट हाउस मरम्मत के आभाव में धीरे -धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है।उक्त रेस्ट हाउस वन विभाग द्वारा निर्मित है।जिसका निर्माण 1964 में हुआ है।जिसकी दीवारें आज भी मजबूत हैतथा आज भी इसका उपयोग किया ज रहा है।बनने के बाद अब तक मरम्मत नहीं किया गया है।यह रेस्ट हाउस घने जंगलों के बीच मैकल श्रेणी से घिरा हुआ है।जहां लोग पिकनिक व कई कार्यक्रम के लिए जाते हैं।उक्त रेस्ट हाउस के कई दरवाजे टूटे हुए हैं।जिसके नहीं खुलने के कारण उसे बांस लगाकर बंद कर दिया गया है।इसी तरह इसके सेड व सीलिंग भी टूटी हुई है।जिससे बरसात का पानी टपकता रहता है।शौचालय व बाथरूम भी टूटा हुआ है।विभाग इसके सुधार के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहा है। वन विभाग जिस प्रकार जंगलों को बचाने में सक्षम नहीं ही,इसी तरह अपने एक मात्र रेस्ट हाउस को बचा नहीं पा रहा है।वन विभाग को जल्द ही इस रेस्ट हाउस की मरम्मत करनी चाहिए।अन्यथा वनों के बीच स्थित यह रेस्ट हाऊस भी अपना अस्तित्व खो देगा।नगर के करीब यह पर्यटन के रूप में प्रचलित है।वन विभाग चाहे तो बदौरा को पर्यटन क्षेत्र के रूप में भी विकसित कर सकता है।

वन्य प्राणियों का क्षेत्र- पंडरिया वन मंडल का बदौरा बिट वन्य प्राणियों का क्षेत्र है।जहां लोग भ्रमण व मनोरंजन के लिए आते रहते हैं।उक्त जगह के रेस्ट हाऊस को व्यवस्थित कर जन सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना चाहिए।जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।इस क्षेत्र में भालू, तेंदुआ,हिरण व अन्य वन्य प्राणी देखे जा सकते हैं।लेकिन लगातार वन क्षेत्र में पट्टा वितरण व अवैध कटाई से वन्य प्राणी संकट में आ गए हैं।बीते कुछ वर्षों के गरगरा के पास 82 हेक्टेयर वन क्षेत्र में पट्टा वितरित किया गया है।”बदौरा स्थित रेस्ट हाऊस भवन काफी पुराना है, जिसमें मरम्मत की आवश्यकता है।मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजकर जल्द ही मरम्मत कार्य कराया जाएगा।

“जशवीर सिंह मरावी,एसडीओ,वन विभाग पंडरिया।