61 वर्ष पुराना बदौरा का रेस्ट हाउस अब खंडहर में तब्दील…नहीं किया गया मरम्मत


पंडरिया

नगर से करीब 10 किलोमीटर दूर वनांचल ग्राम बदौरा स्थित रेस्ट हाऊस मरम्मत के आभाव में खंडहर बन गया है।जल्द मरम्मत नहीं किया गया तो यह केवल इतिहास में दर्ज हो जाएगा।बदौरा रेस्ट हाऊस मैकल पर्वत श्रृंखला में घने जंगलों के बीच बना हुआ है,जहां नगर व अन्य जगह से लोग गर्मी के दिनों में घूमने व पिकनिक मनाते हैं।उक्त रेस्ट हाऊस वन विभाग का है।इसका निर्माण सन 1964 में था।जिसकी दीवारें आज भी मजबूत है।

बनने के बाद अब तक मरम्मत नहीं किया गया है।उक्त रेस्ट हाउस के दरवाजे व खिड़कियां गायब हो गए हैं।इसी तरह इसके सेड व सीलिंग भी टूटी हुई है।जिससे बरसात का पानी टपकता रहता है।शौचालय व बाथरूम भी टूटा हुआ है।विभाग इसके सुधार के लिए कोई ध्यान नहीं दिया गया।कुछ दिन से यहां के चौकीदार भी नहीं है,इसकी रखवाली नहीं हो रही है।जिसके चलते फर्श व दीवारें भी चोरी हो रही है।


कमरे में रखे सभी सामान भी गायब हो गए हैं।बदौरा की पहचान इस रेस्ट हाऊस से होती थी,लेकिन विभाग इसके अस्तित्व को बचाने गंभीर नहीं है।वन विभाग को जल्द ही इस रेस्ट हाउस की मरम्मत करनी चाहिए अन्यथा वनों के बीच स्थित यह भवन भी अपना अस्तित्व खो देगा।
वन्य प्राणियों के लिए एक मात्र क्षेत्र– पंडरिया वन मंडल में लगातार पेड़ों की कटाई व अतिक्रमण के चलते जंगल विलुप्त हो रहे हैं।केवल बदौरा बिट ही कुछ घना क्षेत्र है जहां वन्य प्राणियों का क्षेत्र है।जहां लोग भ्रमण व मनोरंजन के लिए आते रहते हैं।

उक्त जगह के रेस्ट हाउस को व्यवस्थित कर जन सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना चाहिए।जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।इस क्षेत्र में भालू,तेंदुआ,हिरण व अन्य वन्य प्राणी देखे जा सकते हैं।लेकिन लगातार वन क्षेत्र में पट्टा वितरण व अवैध कटाई से वन्य प्राणी संकट में आ गए हैं।वन्य प्राणी अब मैदानी क्षेत्रों में पलायन कर रहे हैं।
पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सकता है-बदौरा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है।यहां घने वन व नदी के कारण ठंडकता रहती है।जहां मनोरजंन के लिए कुछ संसाधन लगाकर पर्यटन के रूप में विकसित कर सकते हैं।

पर्यावरण संरक्षण समिति द्वारा बदौरा स्थित हिरण पार्क को उद्यान विकसित करने के लिए मांग की गई थी,किन्तु अब तक शासन द्वारा कोई पहल नहीं कि गई है।
“बदौरा रेस्ट हाऊस भवन जर्जर हो चुकी है।जो रहने के लायक नहीं है।भवन मरम्मत के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।स्वीकृति मिलने के बाद भवन का मरम्मत किया जाएगा।”
महेंद्र जोशी,रेंजर,वन विभाग पंडरिया पूर्व।