रिपोर्टर, चंद्रभान यादव
जशपुर। वनपरिक्षेत्र लुड़ेग के गांवों में 5 हाथियों का दल पिछले एक महीने से गांवों में उत्पात मचा रहा है। शनिवार की सुबह करीब 8 बजे हाथियों का दल गांवों में पहुंच गया। जहां 6 से अधिक किसानों की खेत में लगे धान, मक्का की फसल को खाकर चट कर दिया। वहीं, बाड़ी में लगे टमाटर, भिंडी, बरबट्टी, लौकी की फसल को रौंदकर नुकसान पहुंचा दिया।
फॉरेस्ट रेंजर कृपा सिंधु पैकरा ने बताया कि पिछले एक महीने से हाथियों का दल रेड़े, लुढ़ेग के जंगल में डेरा डाले हुए है। वे शाम ढलते ही बिछीकानी, सरईटोला, बेरबेगी, चिकनीपानी गांव में पहुंच जाते हैं। वहां रातभर फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद अलसुबह जंगल लौट जाते हैं।
हाथियों के आतंक से ग्रामीण दहशत में हैं। ग्रामीणों रघुराम ने बताया कि हाथियों का दल कभी भी गांवों में घुस जाता है और खेत में लगी फसलों को रौंदकर नुकसान पहुंचाता है। धान की फसल बर्बाद होने से किसान परेशान हैं। किसान राहुल कुमार ने बताया कि कुछ किस्म के धान की फसल की बालियां निकल आई हैं। मवेशियों से बचाव के लिए किसान दिन में रखवाली कर रहे हैं। लेकिन हाथियों का झुंड शाम ढलते ही अचानक खेतों में पहुंच जाता है।
फसलों को रौंदकर नष्ट कर देता है। फॉरेस्ट रेंजर कृपा सिंधु पैकरा ने बताया कि रेड़े वनक्षेत्र के जंगल में 5 हाथियों का दल पहुंचा हुआ है। सरईकोना, बेरबेगी, चिकनीपानी, बिछीकानी में रातभर हाथियों का दल मक्का की फसल में डेरा जमाए रहते हैं। जहां सुबह होते ही जंगल में भाग जाते हैं। रात के चलते हाथियों को खदड़ने में थोड़ी परेशानी होती हैं। उन्होंने बताया कि आसपास के गांवों में हाथी विचरण क्षेत्र के जंगलों में जाने के लिए ग्रामीणों को मना किया गया है। साथ ही जंगल जाने वाले रास्ते में पोस्टर लगाया गया है। लोगों को जंगल में लकड़ी बिनने, खुखड़ी, पुटू बीनने जाने के लिए मना किया गया है। गांवों में बैठक लेकर लोगों को हाथी से बचाव को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
हाथी के डर से ग्रामीण रतजगा को मजबूर ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों का दल पिछले करीब 20 दिनों से वनक्षेत्र के जंगल में डेरा जमाए हुए हैं। वे भूख लगने पर गांवों में सुबह शाम कभी भी धमक जाते हैं। लोगों के घरों में तोड़कर घर के अंदर रखे अनाज सहित अन्य सामग्री को खा जाते हैं। बीते 20 दिनों के भीतर कई घरों को तोड़ दिया है। इससे ग्रामीण दहशत में हैं। इसके चलते ग्रामीण रतजगा कर रहे हैं। अभी तक 10-15 किसानों की फसलों को पूरी तरह से रौंदकर बर्बाद कर दिया है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। रेंजर कृपा सिंधु पैकरा ने बताया कि मक्का फसलों की नुकसान का आकलन नहीं किया जा सका है। जल्द ही प्रकरण बनाकर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।