पंडरिया-तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ द्वारा 18 जून को कर्मचारियों के विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपी जाएगी।संघ के प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक 18 मई को हुआ था,जिसमें लिये गये निर्णय अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों की ज्वलंत समस्याओं पर दिनांक 18 जून के पूर्व विचार कर निराकरण नहीं होने के कारण आपका ध्यान आकर्षण ज्ञापन सौंपे जाने का निर्णय लिया गया था।संघ के जिलाध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर ने बताया कि कर्मचारियों की मुख्य मांगों में केन्द्र एवं मध्यप्रदेश के कर्मचारियों तथा पेंशनरों को वर्तमान में 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है, जबकि राज्य के कर्मचारियो एवं पेंशनरों को 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है, फलस्वरूप केन्द्र एवं मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश दिनांक से महंगाई भत्ता में 2 प्रतिशत की वृद्धि की जावें।शिक्षकों के विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण पर निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की जावे। केन्द्रीय कर्मचारियों एवं अविभाजित मध्यप्रदेश की भांति छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को भी 240 दिन के स्थान पर 300 दिन का अवकाश नगदीकरण आदेश जारी किया जावे। शिक्षक/लिपिक सहित विभिन्न संवर्गो के वेतन विसंगति दूर करने हेतु गठित समिति का प्रतिवेदन यथाशीघ्र सार्वजनिक किया जाये।प्रदेश के सभी संवर्गों के अधिकारी/कर्मचारियों को सेवाकाल में चार स्तरीय वेतनमान संबंधी आदेश शीघ्र जारी किया जावे।उत्तर प्रदेश की भांति छत्तीसगढ़ अधिकारी/कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा व्यवस्था दी जावे।
सभी संवर्गों के लंबित पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण करने हेतु निर्देश जारी किया जावे। संविदा, दैनिक, अनियमित कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नियमित किया जावे तथा मध्यप्रदेश की भांति सेवा सुरक्षा सुनिश्चित किया जावे।शासन द्वारा श्रम सम्मान निधि का भुगतान आदेश पुनश्च सभी विभागों को प्रदाय करने हेतु निर्देशित किया जावे।अनुकम्पा नियुक्ति से आये लिपिको हेतु पूर्व की भांति कार्यालय प्रमुख/विभागाध्यक्ष एवं अन्य तकनीकी संस्थानों को कौशल परीक्षा हेतु अधिकृत किया जावे, क्योंकि वर्तमान व्यवस्था जटिल एवं सामान्य लोगों के लिये होने के कारण समय पर परीक्षा आयोजित नहीं हो पा रही है। सभी विभागों के आकस्मिक निधि से नियमित सेवा निवृत्त कर्मचारियों को अवकाश नगदीकरण दिये जाने संबंधी आदेश सामान्य प्रशासन विभाग से जारी किया जावे, ताकि कर्मचारी को बार-बार माननीय न्यायालय कीे शरण में जाना ना पड़े।शासकीय सेवा में नियुक्त होने वाले अधिकारी/कर्मचारी की नियुक्ति दिनांक से एक वर्ष के भीतर मृत्यु होने पर भी अनुग्रह अनुदान राशि के भुगतान के आदेश जारी किया जावे। संघों को अविभाजित मध्यप्रदेश की भांति स्थाई मान्यता जारी किया जाने की मांग शामिल है।सभी कर्मचारियों को ज्ञापन के लिए कवर्धा में उपस्थित होने की अपील की गई है।
