65 हाथियों का दल घूम रहा, वनमंडल का स्टाफ हाथियों की निगरानी और बचाव कार्य में जुटा

रिपोर्टर- चंद्रभान यादव

जशपुर। तपकरा के बारो जंगल में खेत में उतरे हाथियों की फोटो लेते ग्रामीण।जिले के कुनकुरी, तपकरा, पत्थलगांव, दुलदुला और बगीचा पांच वन परिक्षेत्र में इन दिनों हाथी घूम रहे हैं। जिले के जंगल में कुल हाथियों की संख्या 65 है। इन 65 हाथियों की वजह से 150 से अधिक गांव को अलर्ट किया गया है। इन गांव में हाथी कभी भी घूस सकते हैं। ग्रामीणों को सावधान रहने को कहा गया है और जंगल किनारे के मकानों को खाली कराकर परिवार वालों को बस्ती के बीच वाले मकानों में शिफ्ट किया जा रहा है। हाथियों की वजह से कई दशक बाद इतनी बड़ी संख्या में गांव को अलर्ट पर रखा गया है। प्रभावित गांव में वन विभाग द्वारा रोजाना मुनादी कर लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी जा रही है।ताकि क्षेत्र में जनहानि से की सुरक्षा के लिए वे जंगल ना जाएं। शाम के वक्त जंगल के रास्तों से कहीं भी आना-जाना ना करें, भले ही वह पक्की सड़क ही क्यों ना हो, ग्रामीण एक जगह पर एकजुट होकर रहें, जंगल से सटे हुए मकानों में रहकर अपनी जान को खतरे में ना डालें। ऐसे लोग बस्ती के भीतर कुछ दिन अन्य मकानों में रहें। जिन किसानों की खेत जंगल से सटे हुए हैं। वे अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त करने के बाद ही काम करने के लिए खेत जाएं, देर शाम तक खेत में ना रूकें। वन विभाग ने अपने 40 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों को हाथियों पर निगरानी और बचाव कार्य में लगा रखा है,प्रभावित क्षेत्रों में हर माह हाथी तोड़ रहे 50 मकान हाथियों के उत्पात से प्रभावित क्षेत्रों में रोजाना ग्रामीणों को आर्थिक क्षति हो रही है। उत्पाती हाथी लात मारकर या अपने दांत गड़ाकर गांव में कच्चे मकान तोड़ रहे हैं। महीने मेें औसतन 50 से ज्यादा मकान हाथियों द्वारा जिले में तोड़े जाते हैं। गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात को बगीचा के ग्राम घोघर में 3 हाथियों के झुंड ने विनोद टोप्पो और प्यारा राम नामक ग्रामीण के मकान की दीवार को तोड़ा। विनोद ने बताया कि हाथियों ने उसके मकान की कोठी में सूंढ़ घुसाकर जमा अनाज को चट कर गए। अब उनके पास अनाज बिल्कुल नहीं है।जंगल से निकलते ही हाथियों के साथ लोग लेने लगे सेल्फी

गुरुवार की दोपहार को तपकरा वन क्षेत्र के बारो जंगल से एक हाथी शावक के साथ निकलकर जंगल किनारे की खेत में जा घुसा। दिन में जंगल से हाथी के बाहर आने की खबर सुनते ही आसपास के ग्रामीणों की भीड़ हाथी के पास जुट गई। कई युवक हाथी से महज 50 मीटर की दूरी पर खड़े होकर सेल्फी लेते रहे। कुछ लोग हाथी छेड़ने से भी बाज नहीं आ रहे थे। इसके शावक को देखकर ग्रामीण शोर मचाते हुए टीन बजाने लगे।जान जोखिम में न डालें ग्रामीण मुआवजा 10 दिनों में दे रहे

हाथियों पर निगरानी और उनसे बचाव के कार्य में हमने 40 फीसदी से अधिक वन रक्षक व डिप्टी रेंजर को ड्यूटी सिर्फ हाथियों की निगरानी पर लगा रखे हैं। दो शिफ्ट में कर्मचारी काम कर रहे हैं। हाथियों के हर दल पर विभाग की निगरानी बनी हुई है। यदि हाथी खेत में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं, तो ग्रामीण फसल बचाने अपनी जान जोखिम में ना डालें। हम 10 दिन के भीतर मुआवजा राशि दे रहे हैं।

,,जितेन्द्र उपाध्याय, डीएफओ जशपुर