30 साल बाद फिर हुई एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत, रहस्यमई ढंग से होती है मौत आज पर्यंत तक नहीं पता चल पाया क्या है वजह, पढ़िए पूरी ख़बर

नितिन रोकड़े की ख़बर

बीजापुर: जिले के एक ही परिवार के तीन सदस्यों की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि तीनों में से कोई बीमार भी नहीं था. परिवार के तीन सदस्यों की एक साथ मौत होने से पूरे गांव के साथ साथ जिला प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है. जांगला थाना प्रभारी आरएन गौतम ने घटना की पुष्टि की है. ।

तीनों थे स्वस्थ : बीजापुर जिले के जांगला थाना क्षेत्र के संवेदनशील गांव जैगुर में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत से खबबली मच गई है. शुक्रवार रात जांगला थाना से करीब 12 किलोमीटर दूर जैगुर में बोमड़ा माड़वी और उसके दो बेटे मुगरु व रामु की मौत की खबर सामने आई. तीनों पूरी तरह से स्वस्थ थे लेकिन अचानक उनकी मौत हो गई. ।

रात को भाजी चावल खाकर सोए थे: सीएमएचओ सुनील भारती ने बताया “तीन ग्रामीणों की मौत की खबर सामने आई है. जिसके बाद बीएमओ भैरमगढ़ आदित्य साहू को टीम के साथ रवाना किया गया. प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर ये पता चला है कि मृतकों व परिवार के अन्य सदस्यों ने रात में एक ही प्रकार की कोलियरी भाजी और चावल खाया था. रात को खाना खाने के बाद सभी सो गए. सुबह परिवार के दूसरे लोग सोकर उठ गए. लेकिन तीन लोग नहीं उठे. परिवार के लोगों ने जब उन्हें जगाने की कोशिश की तो तीनं से कोई भी नहीं उठा. तीनों की मौत हो चुकी थी.

परिजन पोस्टमॉर्टम को तैयार हैं”प्रथम दृष्टया मामला समझ में नहीं आ रहा है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा. लेकिन ग्रामीण व परिवार वाले पोस्टमॉर्टम करवाने तैयार नहीं थे फिर किसी तरह मान गया ।

–/बाइट–/ फोटो —-/गाँव के ही एक बलियार सिंह ठाकुर 50 वर्ष से मुलाकात और बातचीत के दौरान उन्होंने एक नया चौका देने वाला रहस्य खोला उन्होंने बताया कि आज से 30 साल पहले इसी पारा में एक और मौत हुई थी । जिसमें मेरे परिचित सुकू कोवासी का बेटा ,बहू और उसका बच्चा का देहांत हो गया था । उसके परिवार में से मात्र एक बेटी बची थी जिसका प्रशासन के द्वारा भरण पोषण के लिए इस गांव से ले जाया गया उसके बाद उसका आज पर्यंत तक पता नहीं चला उनके परिवार के सदस्य आज भी गांव में मौजूद है । मतबल य की तीस साल पहले भी इस जेगुर गाँव मे तीन लोगो की मौत हुई थी । परन्तु उस की जानकारी नहीं मिली क्योंकि उस समय जिला बीजापुर और दंतेवाड़ा एक साथ हुआ करता थे । परन्तु बड़ा बात है कि इतिहास ने अपने आप को दुबारा दोहराया है उस समय तो ग्रामीणों के द्वारा उनका पोस्टमार्टम भी नहीं कराया था शायद इस बार पता चल सके कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या हैं । चौकन्ने वाली बात य हैं कि जेगुर गाँव मे फिर तीन की मौत लोग डरे सहमे भी है । खबर लिखे जाने तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई थी ।