सड़क बनने के बाद मौत बन रही है गाड़ियों की रफ्तार, पाटन क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे है सड़क दुर्घटना, इधर आयरन ओर से भरे वाहनों पर रोक नहीं लगा पा रही पुलिस


बलराम यादव
पाटन। पाटन क्षेत्र की सड़को पर लगातार हादसे हो रहे है। इन हादसे में गाड़ी में सवार लोगो की जान तो जा ही रही है वही ग्रामीणों से सड़क पर आन जाना करते है वो भी दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। जब से क्षेत्र की सड़को का चौड़ीकरण हुआ है तब से सड़क दुर्घटना में मौत के मामले बढ़े है।

पाटन क्षेत्र में सड़क का जाल तो बिछ गई है। सकरी सड़क चौड़ी हो गई। टू लें सड़क फोरलेन हो गया है। जब सड़क का निर्माण होने लगा तो ग्रामीण इसे लेकर काफी खुश और उत्साहित थे। लेकिन जब सड़क बनी और इस पार भारी वाहनों का दबाव बढ़ा तो ग्रामीण परेशान हुए। अब आलम यह है की अंदरूनी ग्रामीण क्षेत्र की सड़को पर भी भारी वाहन तेज से सरपट अनियंत्रित दौड़ रही है। एक दिन पहले ही पाटन में हुई घटना में सड़क के किनारे चल रहे दो महिला को तेज कार चालक ने ठोक दिया। इस घटना में हालांकि महिला को गंभीर चोट आई वही कार के चालक भी नही बच सका। जबकि यह मार्ग फोरलेन है। सीसी टीवी फुटेज देखने पर सब आश्चर्य हो गए की कार इतनी स्पीड थी की आंधी की तरह आई। एक बिजली खंभा को भी ठोक दिया था। जिससे की लाइट भी कुछ देर के लिए बंद रही।

आयरन ओर से भरी वाहनों पर रोक नहीं
पाटन ब्लॉक में सड़क दुर्घटना का तीन प्रमुख कारण है। पहला कारण है की पाटन की सड़को पर आयरन ओर से भरी गाड़ी तेजी से सड़को पर दौड़ती है। बड़े गाड़ी तेज रफ्तार होने से नियंत्रित नहीं हो पाती। वही अपना पैसा और समय बचाने तथा जल्दी वापसी होने के चक्कर में ड्राइवर तेज रफ्तार गाड़ी चलाते है। सड़क दुर्घटना का दूसरा कारण यह है की जितने भी गाड़ी चलती सब काफी स्पीड में रहती है। ज्यादातर सड़क दुर्घटना में देखने को मिली है की ड्राइवर या फिर बाइक चालक नशे ही हालत में गाड़ी चलाते है। तीसरा कारण यह है की ग्रामीण क्षेत्र में संकरी सड़क चौड़ी हो गई। फोरलेन सड़क बन गई है। ग्रामीण बाइक चालक या फिर पैदल चलने वाले को फोरलेन में कैसे चले इसका भी ज्ञान नहीं है। यातायात नियम की जानकारी नहीं होने से भी सड़क दुर्घटना बढ़ रही है।

सड़क पर कैसे चले इसे लेकर अनभिज्ञ

अब तक की प्रमुख सड़क दुर्घटना
पाटन ब्लॉक में पिछले एक साल में ही सड़क दुर्घटना में कई लोग मौत के शिकार हुए है। इनमे से अब तक की सबसे बड़ी घटना ग्राम तर्रा में हुए है। यहां पर बड़ी ट्रक आयरन ओर लेकर रायपुर की तरफ जा रही थी। तभी रात्रि को करीब 9 बजे सावनी चौक के कुछ दूर आगे ही डॉक्टर जी पी यादव के के घर के सामने स्थित मेडिकल को तोड़ते हुए सीधे उसके घर में जा घुसी। इस घटना से पूरी तरह से चीख पुकार मच गई। घर के सदस्य किचन की तरफ से इस कारण बच गए। नही तो भयंकर बड़ा हादसा हो सकता था। इस घटना में ट्रक का इंजन में फंसे ड्राइवर सहित तीन लोग अपनी जान गंवा बैठे। इसके अलावा मोतीपुर चौक में भांठा गांव के एक परिवार बाइक से जा रहे थे। तभी केपशुल वाहन ट्रक में पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले लिए। इससे पिता और पुत्र की मौके पर ही मौत हो गई। मां बेटी घायल हुई थी। यहां पर ग्रामीणों ने दिन भर चक्का जाम कर दिया था। जिसके बाद रात्रि को भीड़ को तीतर बितर करने पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा था। इसी तरह से झिट के पास मजदूरी करने साइकिल से खेत जा रही एक किशोरी को हाइवा ने अपनी चपेट में ले लिया था। इस घटना में युवती का इलाज के दौरान करीब पखवाड़े भर बाद मौत हो है। इसी तरह से लोहरसी के पास दो से तीन घटना दो माह के भीतर हुई। जिसमे तीन लोगो को जान गई। इसके अलावा पतोरा से सेलुद के मध्य, सेलुद से गाड़ा डीह , जाम गांव आर मध्य , रानितराई पाटन मार्ग पर भी कई सड़क दुर्घटना हुई है जिसमे पैदल चलने वाले सहित बाइक सवार को मौत का शिकार होना पड़ा है।