पाटन।पाटन ब्लॉक के कानाकोट गाँव की बेटी अग्निवीर बन गयी है. उसका चयन भारतीय नौ सेना के लिए हुआ है. दीक्षा साहू ट्रेनिंग लेकर अपने घर लौटी तो पूरे गाँव ने उसे अपने सिर आंखों पर बैठा लिया.परिजनों के आंखों से खुशी के आँसू छलक उठे।
अक्टूबर 2023 में नेवी में प्रदेश के लगभग 300 अग्निवीर चयनित हुए थे। इन बच्चों की बेसिक ट्रेनिंग INS चिल्का ओड़िसा में थी। चयनित उम्मीदवार 4 महीने की बेसिक ट्रेनिंग के लिए चिल्का गए थे। 4 महीने की बेसिक ट्रेनिंग पूरी करने के बाद गुरुवार को सभी ट्रेन से वापस छत्तीसगढ़ लौटे राजधानी रायपुर के रेलवे स्टेशन में इन अग्निवीरों का वेलकम करने के लिए छत्तीसगढ़ डिफेंस एकेडमी के स्टाफ और उनके परिजन भी पहुंचे। परिजन अपने बच्चों से मिलकर काफी खुश हुए। इस दौरान बच्चे और परिजनों के बीच खुशी के आंसू देखने को मिले।
पाटन विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कानाकोट निवासी स्व.राजेन्द्र साहू की पुत्री दीक्षा साठ जब अग्नीवीर सेना में भर्ती चयन के बाद ओडिसा एकेडमी नेवी ट्रेनिंग से चार माह बाद घर वापस लौटी तो माता संतोषी साहू की खुशियों का ठिकाना न रहा,इस अवसर पर पूरा परिवार एवं ग्रामवासी सामाजिक जन एवं परिक्षेत्र जामगांव आर के पदाधिकारी ,तहसील साहू संघ पाटन के पदाधिकारी की उपस्थिति रही। सभी लोगों ने पिता स्वर्गीय राजेंद्र साहू को याद कर बिटिया को बधाई दी।
सामाजिक जनों ने कहा आज इस बिटिया ने अपने परिवार ग्राम एवं समाज का नाम रोशन किया है। ऐसे वीर बिटिया पर हम सभी को गर्व है। तहसील साहू संघ पाटन के अध्यक्ष दिनेश साहू , डॉ गुलाब साहू, सरिता साहू, जामगांव परिक्षेत्र अध्यक्ष रवि शंकर साहू, मनीष साहू,रामनाथ साहू, द्वारिका प्रसाद साहू, पारखत साहू , बेनीराम साहू, लोकेश साहू , भोजराम साहू, अंजली आनन्द चन्दन , युवराज साहू आदि ने घर पहुंच कर बिटिया को आशीर्वाद प्रदान किया।
घरवालों की इच्छा की पूरी : बेसिक ट्रेनिंग को लेकर दीक्षा साहू ने बताया कि “नेवी में सलेक्शन होने के बाद उन्हें काफी अच्छा लगा और घर वाले भी चाहते थे कि हमारी बेटी डिफेंस में जाए। बेसिक ट्रेनिंग करने के दौरान घर से दूर रहते हुए भी ट्रेनिंग पूरी की। लेकिन परिवार की याद जरूर आती रही। बेसिक ट्रेनिंग में स्विमिंग वेट पुलिंग परेड बहुत सारे कार्यक्रम में भी पार्टिसिपेट किया।
“नेवी में सिलेक्शन होने के बाद 4 महीने की ट्रेनिंग के लिए चिलका गई हुई थी। चिल्का से वापस लौटी है। बेटी का सिलेक्शन नेवी में होने से हमारा परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है। मेरी बेटी लड़की होने के बावजूद मां-बाप का सपना पूरा करने के लिए नेवी में 4 महीने की बेसिक ट्रेनिंग पूरा करके आई है। देश सेवा के लिए अपनी बेटी को नेवी में भेजना ही उचित समझा। ” संतोषी साहू, दीक्षा की मां