कृषि संगोष्ठी सह प्रदर्शनी : वैज्ञानिकों ने किया कृषकों की समस्याओं का निदान,कृषि सूचना केंद्र का हुआ उद्घाटन….कृषि महाविद्यालय मर्रा द्वारा सांतरा में किया गया आयोजन

पाटन।क़ृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र, मर्रा (पाटन) द्वारा ग्रामीण क़ृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम (RAWEP) अंतर्गत अंगिकृत ग्राम – सांतरा में दिनांक 07 अक्टूबर 2022 को किसान गोष्ठी सह क़ृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ग्राम सांतरा एवं आस पास गॉवों से लगभग 400 किसानों के साथ ही क़ृषि महाविद्यालय के समस्त विद्यार्थियों ने भाग लिया।

सर्वप्रथम मुख्य अतिथि डॉ अजय वर्मा, निदेशक विस्तार सेवाएं, इंदिरा गाँधी क़ृषि विश्वविद्यालय, रायपुर एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित शंकर बघेल, सदस्य छत्तीसगढ़ बीज विकास निगम, कौशल चंद्राकर, सदस्य, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड एवं अन्य अतिथियों ने क़ृषि प्रदर्शनी के रूप में लगाए गए विभिन्न स्टॉल का भ्रमण कर विस्तृत जानकारी प्राप्त की। बता दें इस दौरान क़ृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, क़ृषि विज्ञान केंद्र, इफको एवं कई प्राइवेट कंपनियों के द्वारा क़ृषि तकनीक प्रदर्शन हेतु स्टॉल लगाए गए थे साथ ही उनके द्वारा कृषकों को सरकार द्वारा चलाये जा रहे क़ृषिगत योजनाओं की जानकारी दी गई। इस दौरान वैज्ञानिकों के द्रारा कृषकों के समस्याओं का निदान भी किया गया।

डॉ अजय वर्मा एवं अन्य अतिथियों के करकमलों से रावे के अंतर्गत खोले गए क़ृषि सुचना केंद्र का उद्घाटन किया गया। इस दौरान विद्यार्थियों के द्वारा विभिन्न मॉडल्स के द्वारा क़ृषि तकनिकों का प्रदर्शन किया गया इसके साथ ही विद्यार्थियों के द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा गरवा घूरवा बाड़ी के तहत बाड़ी कम्पोनेंट को प्रमोट करने के दृश्टिकोण से एक छोटे से क्षेत्र में लो ग्रेविटी ड्रिप इर्रिगेशन पद्धति का उपयोग करते हुए पोषण वाटिका का विकास किया गया है जिसकी सराहना अतिथियों के साथ ही कृषकों के द्वारा भी किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत में रावे कार्यक्रम समन्वयक डॉ ओमप्रकाश परगनिहा ने अतिथियों को रावे विद्यार्थियों के द्वारा किये जा रहे विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी गई। महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ विजय सोनी ने अपने स्वागत भाषण में क़ृषि महाविद्यालय द्वारा कृषकों के लिए चलाये जा रहे प्रोजेक्ट की जानकारी दी कि वे किस प्रकार से महाविद्यालय के हाइटेक नर्सरी एवं टिश्यू कल्चर लैब के माध्यम से पौधे प्राप्त कर सकते हैं।

इस कार्यक्रम के मुख्य प्रयोजक ई. एल.एस. इंस्ट्रूमेंट, बैंगलोर एवं विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको थे। इस कार्यक्रम में इफको के राज्य विपणन प्रबंधक आर. एस. तिवारी एवं मुख्य प्रबंधक डॉ एस.के. सिंह ने भाग लिया और उन्होंने अपने उद्बोधन में नैनो तरल यूरिया के प्रयोग से संबंधित सभी जानकारियां साझा करते हुए बताया कि नैनो तरल यूरिया के उपयोग से किसान भाई किस प्रकार पैसों की बचत कर सकते हैं एवं फसल का उत्पादन बढ़ा सकते हैं। इफको द्वारा इस इस कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शनी भी लगाई गई जिससे बहुत अधिक संख्या में कृषकों ने स्टॉल का विजिट कर उसका फायदा उठाया एवं जानकारी प्राप्त की। पुरे कार्यक्रम के दौरान डॉ विजय जैन, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, क़ृषि विज्ञान केंद्र, पाहंदा ग्राम सांतरा के सरपंच चंद्रशेखर कोसरे, महाविद्यालय के प्राध्यापकगण डॉ अमीन कुरैशी, डॉ नितिन तुर्रे, डॉ सुशीला, अमित दहाटे, सुरेश बंजारे, श्री हेमंत साहू एवं महाविद्यालय के समस्त अधिकारी कर्मचारी विशेष तौर पर उपस्थित रहे।