पाटन। शासकीय चंदूलाल चंद्राकर स्नातकोत्तर महाविद्यालय पाटन मे प्राचार्य डॉ नंदा गुरवारा के मार्गदर्शन में राजनीति विज्ञान विभाग व राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व वक्त मुख्य वक्ता सुनील पटेल दुर्ग जिला कार्यवाहक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अध्यक्षता प्राचार्य डॉ नंदा गुरवारा, विशेष अतिथि के रूप में योगेश निक्की भाले अध्यक्ष जनभागीदारी प्रबंधन समिति, दीपक सावर्णी दुर्ग जिला बौद्धिक शिक्षण प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, प्रकाश कश्यप नगर कार्यवाह अमलेश्वर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, किशोर साहू अहिल्याबाई होल्कर समिति पाटन विकासखंड, जनभागीदारी सदस्यगण केवल देवांगन, मिलन देवांगन, सागर सोनी आदित्य सावर्णी, रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ नंदा गुरवारा तथा अतिथियों द्वारा मां सरस्वती व देवी अहिल्याबाई होल्कर के छायाचित्र पर माल्यार्पण व पूजा अर्चना कर किया गया।

अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ नंदा गुरवारा ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत करते हुए भारत के गौरवशाली इतिहास के बारे में बताया, इसी गौरवशाली इतिहास में 17वीं शताब्दी में अहिल्याबाई होल्कर ने जन्म लिया और कठिन संघर्षों, विपरीत परिस्थितियों के बावजूद एक कुशल प्रशासक बने और अपने शासनकाल में नारी उत्थान के लिए महिला शिक्षा, सहायता समूह सहित अनेक कार्य कर देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी ।
मुख्य वक्ता सुनील पटेल जी ने अहिल्या बाई होल्कर की जीवनी को विस्तार से बताया। अहिल्या बाई का जीवन कठिन संघर्षों से भरा रहा बचपन मे विवाह हो जाना अल्पायु मे विधवा हो जाना आदि। इनके ससुर ने इनको युद्धकला व शासन कला मे पारंगत किया जिसका परिणाम ये हुआ की अहिल्या बाई होलकर शासक बनी तो लोगों के कल्याण के लिए अनेक कार्य किये, रुकने के लिए भवन, प्यास बुझाने के लिए कुओं -बावड़ियों का निर्माण, हिन्दुओ के मंदिर, सती प्रथा पर लगाम लगाने के लिए महिलाओ के समूह व रोजगार कार्य, उचित न्याय प्रणाली के लिए कार्य किये जिसके कारण लोगों ने लोकमाता व देवी मानने लगे और लोकमाता देवी अहेल्या बाई होलकर के नाम से प्रसिद्ध हुई। जनभागीदारी अध्यक्ष योगेश निक्की भाले ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा की महाविद्यालय विकास के सहयोग के सदैव तत्पर हूं। कार्यक्रम का संचालन चंद्रशेखर देवांगन व आभार कार्यक्रम संयोजक डॉ पुष्पा मिंज ने किए। कार्यक्रम मे प्राध्यापकगण बीएम साहू, डॉ साधना राहटगावकर, शैलेष मिश्र, डॉ एसके भारती, जितेन्द्र मंडावी सहित बडी संख्या मे छात्र छात्राये उपस्थित थे।