
पाटन। छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज पाटन राज का हृदय स्थल है,ऐसा कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ में 36 गढ़ थे,उसमें से एक गढ था पाटन अब गढ़ो का शासन नही रहा। पंचायती राजव्यवस्था के अनुसार अब पाटन वर्तमान में नगर पंचायत बन गया है, जो कि अखरा अब वार्ड क्रमांक 05 के अंतर्गत आता है। पाटन एक ऐतिहासिक नगर है आज यत्र तत्र, भग्नावशन, राजचिन्ह, ताल तलैया, भौगोलिक परिदृश्य तथा देवालय उसके प्रमाण है। धर्मनगरी अखरा के भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर लगभग 150 वर्ष पुराना है।
मंदिर का निर्माण एवं उसके मूर्ति का स्थापना मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज पाटन राज के सम्माननीय,परमार्थी,आस्थावान,विभूतियों के द्वारा की गई थी। दानवीर पूर्वजो के द्वारा पूजा के लिए पुजारी उनके लिए आवास विस्तृत परिसर तथा आय स्रोत स्वरूप 20.44 डिसमिल कृषिभूमि भगवान जगन्नाथ के नाम अर्पित (दान) किये गये थे। वर्षो तक सुब्यवस्था बनी रही, पूजा पाठ दर्शन प्रसाद एवं कार्यक्रमो के कारण मंदिर आकर्षण का केन्द्र बन गया।

प्राप्त अभिलेखों का विस्तृत अध्ययन करने से पता चला कि स्वतंत्रता संग्राम की अहम भूमिका निभाने में ग्राम-अखरा एवं कुर्मी समाज संगठित विकसित होकर कुर्मी का पहचान बनाने में भी अग्रणी रहे हैं।अखरा में रावण की 132 वर्ष पुरानी भब्य प्रतिमा थी,जिसको अभी 2022 में नवीनीकरण किया गया है। यहाँ का दशहरा उत्सव अंचल में वर्षो से प्रसिद्ध है,अखरा का यह स्थल सुरम्य सुविधा सम्पन्न था।
अतः उक्त सुरम्य स्थान पर स्वामी भगवान जगन्नाथ जी की मंदिर, जिसका प्रथम संस्थापकों में स्व.दाऊ रामचंद कश्यप अखरा तथा नंदराम बर्छिहा ग्राम-डिडगा का नाम आदर से लिया जाता है। वे तत्कालीन मनवा कुर्मी समाज पाटन राज के संगठन संचलन में अग्रिम भूमिका निभाने वाले व्यक्ति रहे है। मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज की बैठक सन 1913 में इसी ग्राम-अखरा के आम बगीचे में हुई थी। उस समय रायपुर,दुर्ग और लवन तीन राज की सामूहिक बैठकें होती थी। उस समय तीनों राज के कोषाध्यक्ष दाऊ रामचंद कश्यप जी थे।
उसके पश्चात कार्यालय पंजीयन लोक न्यास दुर्ग (राजस्व प्रकरण)/ब/113/1986-87 दुर्ग दिनाँक 19.04.1988 लोक न्यास रजिस्टर पंजीयन क्रमांक 1/पाटन/88-89 दिनांक-11.01.1990 के अनुसार मान्यता प्राप्त पंजीकृत ट्रस्ट है एवं इस ट्रस्ट के संरक्षक कलेक्टर दुर्ग है,और मुख्य न्यासी अमरचंद वर्मा सहित इक्कीस ट्रस्टी है।तथा मनवा कुर्मी समाज पाटन राज के राजप्रधान ट्रस्ट के पदेन सदस्य होते है। ट्रस्ट बनने के बाद सबसे पहले अमरचंद वर्मा फुंडा(मुख्य न्यासी), मोहन लाल वर्मा अखरा(उपाध्यक्ष),दुष्यंत कश्यप डगनिया(कोषाध्यक्ष), कुलेश्वर वर्मा मर्रा(सचिव), द्वारिका प्रसाद कश्यप अखरा(सहसचिव),के अतिरिक्त्त शेष सदस्य चुने गए और पाटन राजप्रधान को इसके पदेन सदस्य रखा गया।
इसी क्रम में पाटन राज के प्रथम राजप्रधान स्व. श्री केशव राम वर्मा जी, ग्राम-रवेली के मार्गदर्शन में तत्कालीन राजप्रधान अमरचंद वर्मा जी के द्वारा अब वर्तमान में (मुख्य न्यासी) की अध्यक्षता में मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार की कार्य योजना बनाई गई और दिनांक-10 फरवरी 1998 को योजना के अनुसार मंदिर निर्माण की भूमिपूजन का कार्यक्रम रखा गया।जिसमें तत्कालीन विधायक श्री भूपेश बघेल जी मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर परिसर के मंच पर आसीन रहे।ट्रस्ट द्वारा पारित संकल्प के अनुसार एक अच्छा भब्य एवं आकर्षक मंदिर उसका परकोटा और शेष भाग में धर्मशाला एवम सामाजिक कार्यस्थल का रूपरेखा बनाया गया उस समय ट्रस्ट में खेती के रेगहा से प्राप्त आय और स्वजतियो से प्राप्त दान ही आय का मुख्य आधार था,जिसमें मंदिर का कुछ निर्माण कार्य किया जाता था।
मंदिर जीर्णोद्धार के नाम से तत्कालीन विधायक माननीय श्री भूपेश बघेल जी के विशेष प्रयास से माननीय श्री दिग्विजयसिंह तत्कालीन मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन से 50000.00(पचास हजार) रूपये की राशि स्वीकृत की गई। उसके पश्चात वर्ष 2010-11 में तत्कालीन विधायक श्री विजय बघेल जी, संसदीय सचिव (छ. ग. शासन) के द्वारा मंदिर निर्माण एवं विस्तारीकरण कार्य के लिए लगभग 18 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई। इसी तरह लगातार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का भरपूर सहयोग मिलता रहा। भगवान जगन्नाथ मंदिर के मानचित्र के अनुसार परिकल्पना को पूर्ण करने में वर्षो लग गये। निर्माण कार्य को गति देने के लिए ट्र्स्ट के द्वारा सतत प्रक्रिया चलती रही। भगवान जगन्नाथ मंदिर का निर्माण कार्य पूरी उड़ीसा के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार अनुभवी एवं कुशल कारीगर राणा के द्वारा मंदिर का निर्माण कराया गया।
मंदिर की अनुकृति पूरी के जगन्नाथ की तरह ही है, मंदिर का निर्माण आठ फुट ऊँचे, तीस फुट चौड़े व सत्तर फुट लंबे चबूतरे पर बनाया गया है, सीढ़ियों के निर्माण ऐसे ढंग से किया गया है कि बूढे और बच्चे भी आसानी से चढ़ सके। सामने सिंह द्वार के लिए आधार निर्मित किया गया है। और गरुड स्तम्भ भी लगाया गया है, वास्तुकला की दृष्टि से मंदिर का निर्माण किया गया है। मंदिर के गर्भगृह को बहुत ही आकर्षक बनाया गया है, गर्भगृह के मुख्य दरवाजे (पट)को अखरा निवासी डॉ. लोकेश्वर वर्मा जी के द्वारा दान में दिया गया है। गर्भगृह से लगा हुआ बायां ओर भगवान के लिए भोग कक्ष का निर्माण पति स्व. दाऊ श्री नरहर सिंह बंछोर एवं सुपुत्र स्व.डॉ. शेषराम बंछोर की स्मृति में श्रीमती सुमित्रा देवी बंछोर ग्राम-सेलूद द्वारा समर्पित किया गया है।
मंदिर की डिजाइन एवं इसकी बाहरी भित्तियां चतुष्फलक होने के साथ ही शिखर के शिरे पर जाकर लहसुनिया आकृति के कलश में बदल गया है। नीचे देवी देवता के बेल-बूटे अलंकृत है। मंदिर परिसर में लक्ष्मी माता मंदिर निर्माण श्री सियाराम वर्मा एवं माता केवरा बाई के आशीर्वाद से पुत्र वेदनारायण वर्मा खर्रा (पाटन) और स्व.श्री द्वारिका राम कश्यप एवं स्व.प्रमोद कश्यप की प्रेरणा से भगवान शिव जी की विशाल मूर्ति निर्माण की स्थापना ग्राम-अखरा निवासी श्रीमती सुभद्रा कश्यप एवं सुपुत्र विनोद कश्यप, अरुण कश्यप के द्वारा किया गया है। महाप्रभु भगवान जगन्नाथ, भैया बलराम और बहन सुभद्रा जी की काष्ठ से निर्मित मूर्ति को माननीय विजय बघेल जी के द्वारा पूरी उड़ीसा से लाया गया।
उसके पश्चात फाल्गुन शुक्ल पक्ष तृतीया दिनाँक-03-03-2014 को विधि विधान एवं मंत्रोचारण के साथ प्राणप्रतिष्ठा किया गया, जिससे मंदिर जय जय जगन्नाथ के जयकारों से गूंज उठा।और पाटन अंचल के दूर-दूर से लोग इस पुण्य कार्य में सहभागी एवं साक्षी बनें। पहले मंदिर की पूजा वैष्णव ब्रम्हचारी के द्वारा कराया जाता था अब स्वजातीय बंधु श्री बलदाऊ वर्मा के द्वारा नित्य प्रातः एवं सायंकाल की पूजा अर्चना की जाती है। पूर्व राजप्रधान स्व.श्री केशव राम वर्मा जी,रवेली वाले की स्मृति में उनके परिवार जनों के विशेष आग्रह पर रथयात्रा में प्रतिवर्ष (भोग प्रसाद) हेतु 7500/ रुपये की राशि ट्र्स्ट को दान देने का संकल्प लिया जो आज पर्यन्त तक अनवरत जारी है।
अखरा का यह जगन्नाथ मंदिर हमारे पूर्वजों की ऐसी धरोहर होगी जो युगों युगों तक हमारे समाज को प्रेरित करती रहेगी वहीं भगवान के आशीर्वाद से समाज के लोगो में चारित्रिक तथा आध्यात्मिक जागरण का संचार होगा। समाज के दानवीरों की कृपा अनुग्रह से भगवान जगन्नाथ जी का घर पूर्णरूपेण सज धज कर तैयार हो गया है। सौगातों की इस विशेष कड़ी में हमारे अखरा निवासी श्री भूपेन्द्र कश्यप जी (अध्यक्ष नगर पंचायत पाटन)का मैं बहुत बहुत आभारी हूं। जिसके विशेष सहयोग से मंदिर विस्तारीकरण हेतु 113.61(एक करोड तेरह लाख इकसठ हजार) रूपये राशि माननीय श्री भूपेश बघेल जी, मुख्यमंत्री छ. ग.शासन के द्वारा मंदिर परिसर में शेड निर्माण, भब्य सामुदायिक भवन एवं भोजनशाला के निर्माण हेतु राशि स्विकृत की गई है।
जिसका निर्माण कार्य लगभग पूर्णतः की ओर है। इस बड़ी सौगात के लिए मैं भगवान जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से पुनः माननीय श्री भूपेश बघेल जी, (मुख्यमंत्री छ. ग.शासन) एवं श्री भूपेन्द्र कश्यप जी (अध्यक्ष नगर पंचायत)पाटन को बहुत बहुत साधुवाद संप्रेषित करता हूँ। पाटन राज मनवा कुर्मी समाज के प्रेरक संकल्प एवं स्तुत्य दान के लिए हम सदा आभारी रहेंगे। आगे भविष्य भी आप सभी श्रद्धालुओं,भक्तजनों और महामना दानदाताओं का स्नेह एवं प्यार ट्र्स्ट को मिलता रहेगा। भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी आप सबकी मनोकामना पूर्ण करें।
अंत मे मंदिर ट्रस्ट के सचिव केदार कश्यप,अखरा के द्वारा मंदिर के प्राप्त दस्तावेजो के आधार पर भगवान जगन्नाथ जी के इस ऐतिहासिक इतिहास की गाथा को संकलन करने का भरसक प्रयास किया गया है। फिर भी जाने अनजाने में किसी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।
*इन्हीं भावनाओं के साथ यह प्रथम पुष्प महाप्रभु भगवान जगन्नाथ जी के श्रीचरणों में सादर समर्पित…..*🙏🏻🙏🏻
(केदार कश्यप की कलम से)
भगवान जगन्नाथ जी की रथ इस वर्ष नए कलेवर में……..
रथयात्रा का विशेष महत्त्व है- जो व्यक्ति भगवान के नाम का कीर्तन करता हुआ रथयात्रा में शामिल होता है। उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा में भाग लेने मात्र से ही संतान संबंधी समस्याएं दूर हो जाती है। वे लोग तो परम सौभाग्यशाली है,जिन्हें भगवान जगन्नाथ जी की सेवा का पुण्य प्राप्त होता है।
इस वर्ष आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि ०7 जुलाई 2024 रविवार को मंदिर ट्रस्ट एवं छ. ग.म.कुर्मी समाज पाटन राज के संयुक्त तत्वावधान में काफी हर्षोल्लास के साथ युवा एवं महिला कार्यकर्ताओं के द्वारा मनाया जा रहा है। प्रातः 10 बजे मंदिर परिसर में सत्यनारायण पूजा का कार्यक्रम सम्पन्न होगा। इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय विजय बघेल जी,सांसद दुर्ग लोकसभा अध्यक्षता -माननीय अमरचंद वर्मा जी, मुख्य न्यासी मंदिर ट्रस्ट विशेष अतिथि के रूप में माननीय भूपेन्द्र कश्यप जी,अध्यक्ष नगर पंचायत पाटन एवं माननीय युगल किशोर आडिल जी, राजप्रधान पाटन राज विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। एवम अतिथियों के द्वारा छेरा पहरा का कार्यक्रम सम्पन्न होगा।इस वर्ष भगवान जगन्नाथ नए कलेवर के साथ नए रथ पर विराजमान होंगे।
रथ को फूलों से सजाया गया है, साथ ही युवा साथियो के द्वारा भब्य आतिशबाजी के साथ पुराना बाजार चौक में राजप्रधान पाटन राज युगल किशोर आडिल की अगुवाई में महाप्रसादी भोग की ब्यवस्था की गई हैं।
*अतःआप समस्त नगरवासियों से निवेदन है कि महाप्रभु भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा में शामिल होकर पुण्य का लाभ लेकर अपने को कृतार्थ करे।