पाटन।पाटन क्षेत्र के किसान कृषि में उन्नत तकनीकों का उपयोग कर लाभ कमा रहे हैं।ग्राम अमेरी के किसान शिव कुमार वर्मा को कतार बोनी से फसलों की बुवाई कर लाभ कमाने के लिए सम्मानित किया गया।
श्री वर्मा विगत वर्षो से कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा अ के तकनीकी मार्गदर्शन में फसलों की कतार बोनी विधि का उपयोग कर रहे हैं।
विदित है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान फिलिपींस एवं बायर क्रॉप साइंस लिमिटेड के सहयोग से मंगलवार को धान की सीधी बुवाई तकनीक पर एक दिवसीय कार्यशाला एवं कृषक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था।
कृषि महाविद्यालय रायपुर के संगोष्ठी कक्ष में आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य कृषकों तक धान की सीधी बुवाई हेतु उन्नत तकनीकी जैसे नई मशीनों से बुवाई, खरपतवार प्रबंधन की नवीन विधियां, संतुलित उर्वरक प्रबंधन, समुचित जल प्रबंधन के माध्यम से संसाधनों का सही उपयोग करते हुए जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना था।

संगोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया कि धान की सीधी बुआई तकनीक से लगभग 25 प्रतिशत सिंचाई जल की बचत होती है, प्रति हेक्टेयर लागत में लगभग 6 हजार रूपये की कमी आती है और यह तकनीक पर्यावरण अनुकूल होने के साथ ही मृदा संरक्षण को बढ़ावा देती है।
इस कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान फिलीपींस के वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार समन्वयक उड़ीसा डी.एस.आर. इरी प्रोजेक्ट, ने अपने संबोधन में डी.एस.आर. की सक्सेस स्टोरी एवं उड़ीसा में उसके सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के बारे में बताया.