गुणवत्ताहीन साड़ी को लेने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ ने किया इंकार, परियोजना कार्यालय सहित सेक्टर में डंप है साड़ी


पाटन। महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ियों में काम करने वाली सहायिका एवं कार्यकर्ताओं को राज्य शासन के द्वारा साड़ी परिधान दिया जा रहा है। यह साड़ी काफी गुणवत्ताहीन के साथ साथ पारदर्शी भी है । इसे लेकर आज आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का आक्रोश देखने को मिला। यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका साड़ी को लेने से इनकार कर दिया है। वहीं आज महिला बाल विकास विभाग के पाटन परियोजना अधिकारी सुमित गंडेचा को ज्ञापन सौंपा है जिसमें बताया गया है की साड़ी की गुणवत्ता किस कदर खराब है। पारदर्शी होने के पहनने से लज्जा भी महसूस हो सकती है।


आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका द्वारा अभी दिए जा रहे साड़ी का पहनने से विरोध किया जा रहा है । क्योंकि यूनीफार्म (साड़ी) गुणवत्ताहीन एवं पारदर्शी (पतला) होने के कारण इसे पहनने में लज्जा एवं असहज महसूस कर रही है, लिहाजा सभी कार्यकर्ता और सहायिका ने सर्वसहमति से यूनिफार्म को लेने से इनकार किया है। कार्यकर्ताओं ओर सहायिकाओ ने बताया की शासन द्वारा प्रति साड़ी 400 रूपये भुगतान किया जाता है और अभी जो साड़ी दिया जा रहा है वह 100 रूपये के भी लायक नहीं है। इसलिए शासन द्वारा जितना राशि दिया जाता है उसके हिसाब से यूनिफार्म दिया जाय। ज्ञापन में कहा है कि इस गुणवत्ताहीन यूनिफार्म (साड़ी) को वापस कर अच्छी गुणवत्त का यूनीफार्म दिया जाए तब तक यूनीफार्म पहनने का दबाव न दिया जाए।

पाटन परियोजना में है 267 आंगनबाड़ी
महिला बाल विकास के पाटन परियोजना में कुल 267 आंगनबाड़ी स्थित है ।इन आंगनवाड़ी केंद्रों में एक-एक कार्यकर्ता एवं सहायिका पदस्थ है ऐसे में इनकी संख्या 5 साल से भी अधिक है। जिस हिसाब से साड़ी को दिया जा रहा है उसकी गुणवत्ता को लेकर भी काफी आक्रोश नजर आ रहे हैं। वहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के पदाधिकारी ने यह भी बताया है कि जिस साड़ी को अभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को दिया जा रहा है उसी को शहरी क्षेत्र में स्वीपर का काम करने वाली महिलाओं को भी दिया जा रहा है इससे भी वह काफी आहत है।