आशीष दास
बोरगांव/बड़डोंगर । पुल, पुलिया और सड़क निर्माण कर गांव को शहर से जोड़ने की योजना भले ही सरकार की प्राथमिक सूची में शामिल है, लेकिन स्थानीय स्तर पर सरकार की प्राथमिकता धरातल पर उतरती नहीं दिख रही है। कुछ ऐसा ही स्थिति फरसगांव विकासखंड के बड़ेडोंगर से मोदे, कन्हारगांव, जुगानार, गवाड़ी, देवगांव होते हुए धनोरा को जोड़ने वाली सड़क पर देखने को मिलती है।
ऐसा ही मामला ग्राम देवगांव और गवाड़ी के बीच पड़ने वाली देवगांव नाला में अब तक पुल का निर्माण नहीं कराया गया है। इससे बारिश के दिनो ग्राम देवगांव, जामगांव, छिंदलीबेड़ा, बंजोड़ा, जुगानार, गावाड़ी, परोदा मोदेबेड़मा, कन्हारगांव, सहित अन्य ग्रामीण लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत सड़क तो बनाए गए परंतु उक्त सड़क पर अब तक पुलिया का निर्माण नहीं कराया जा सका। अंदरुनी दुर्गम स्थानों में सड़क निर्माण के वक्त लोगों में विकास की एक नई आस जगी थी, लेकिन एक अदद पुल निर्माण के कारण उक्त मार्ग न सिर्फ आधा-अधूरा बल्कि औचित्यविहीन बनकर रह गया है। उक्त नाले में पुलिया बन जाने से ग्रामीण क्षेत्र की यह सड़क जंगलवासियों व ग्रामीण के लिए वरदान साबित होगी।
हैरत तो इस बात यह है कि उक्त सड़क से स्थानीय विधायक व अधिकारीयों का अक्सर आना जाना रहता है लेकिन आज तक इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। सड़क निर्माण से पूर्व उक्त नाले के उसी स्थान पर पुल बनाने की आश लगी थी। पुल निर्माण के संदर्भ में ग्रामीणों को विभागीय पदाधिकारी व क्षेत्रीय विधायक के साथ-साथ अन्य जनप्रतिनिधियों से सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा। ग्राम देवगांव के पास से गुजरने वाली नाले पर पुलिया नहीं होने से वर्षों से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जबकि नाले में बहते पानी से कई बार वाहन चालकों को दुर्घटना का सामना करना पड़ सकता है। वहीं विभाग के अधिकारियों से ग्रामीणों की समस्या को ध्यान में रखकर ग्रामीणों ने पुलिया निर्माण करने की मांग की है।
गौरतलब है कि देवगांव और गावाड़ी के बीच से गुजरने वाली नाले के इसी रास्ते से ब्लॉक मुख्यालय फरसगांव व जिला मुख्यालय कोंडागांव में आने जाने का मुख्य रास्ता है। बारिश के दिनों में नाला पुरे उफान पर रहती है। पानी भर जाने से गांव के ग्रामीणों को नाला में पानी कम होने का इंतजार करना पड़ता है या फिर जान जोखिम में डालकर नाले को पार करना पड़ता है। जान हथेली पर लेकर लोग इस नाले से गुजरते हैं या ग्रामीणों को गंतव्य तक पहुंचने में लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। ऐसे में गांव का अन्य गांवों से पूरी तरह से संपर्क टूट जाता है।
बरसात में पानी कम होने के बावजूद नाले से बहता रहता है। ऐसे में दुपहिया लेकर चलना भी मुश्किल हो जाता है। ग्राम देवगांव के संतु सोरी, मंगलू नेताम, पीलाराम कोर्राम, बामदेव महावीर, गणेश दुग्ग सहित अन्य व्यक्तियों ने बताया कि ग्रामीणों की इस जटिल समस्या को ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को इस नदी में पुलिया निर्माण की स्वीकृति जारी कर पुलिया का निर्माण कार्य बरसात रूकने के बाद शुरू करना चाहिए। जिससे अगले वर्ष बरसात के मौसम में ग्रामीणों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ सके। इस ओर ग्रामीणो ने पुलिया निर्माण की मांग की है।