आशीष दास
कोंडागांव/बडेडोंगर । अगर आप के भीतर कुछ करने का जज्बा है तो कोई भी रुकावट आपके आडे़ नहीं आ सकती। हर इंसान के अंदर कोई ना कोई प्रतिभा छुपी होती है और यदि इंसान अपनी प्रतिभा पहचानकर लगन से कुछ करे तो वह बहुत बेहतर कर सकता है। विकासखंड फरसगांव के अंदरूनी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्राम पंचायत बाड़ागांव के आश्रित ग्राम तुर्की के निवासी आशीष मरापी अपनी प्रतिभा को पहचानकर चित्रकला के क्षेत्र में काफी मेहनत कर रहा है। आशीष को बेशक कई विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा हो लेकिन उसने अपनी हिम्मत ना हारते हुए अपनी प्रतिभा को काफी निखारा है। वो प्रदेश महासचिव प्रशासनिक रवि घोष, कोंडागांव जिला कलक्टर पुष्पेंद्र मीणा सहित कई फिल्मी कलाकारों के चित्र को अपने पेंसिल व ब्रुश से कैनवस में उतारा और जिला कलेक्टर को उनका पेंटिंग भेंट किया।

चित्रकला के साथ-साथ मूर्तिकला में भी महारत हासिल है_
आशीष का कहना है कि बचपन से ही अपने पिता से अलग रहकर शादी व्याह में पेंटिंग कर अपने गरीब माता एवं भाईयों का भरण पोषण कर रहा है। पिता दो शादी करने के चलते पांच भाइयों में से तीन भाई मां के साथ के साथ पैत्रिक ग्राम फुंडेर से अलग हो कर ग्राम तुर्की ने आकर मां के साथ रहने लगे। मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बड़ी मुश्किलों से परिवार का भरण पोषण कर रही थी। पांचवीं तक गांव में पढ़ाई सरकारी स्कूल में की लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण आस पड़ोस के गांव में सरकारी स्कूलों के हॉस्टल में रहकर दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की। दसवीं कक्षा के बाद आशीष की हालत दयनीय होने की वजह से घर का खर्चा चलाने के लिए शादी विवाह घर में पेंटिंग का काम करने लगा। उसे अपने क्षेत्र में बिना गुरु के ज्ञान हासिल है। बिना ग्राफ, बिना तकनीक, बिना मापतौल के फ्री हैंड चित्रकला के साथ साथ मूर्तिकला में भी महारथ हासिल हैं और उनके द्वारा बनाया गया कोई भी चित्र सटीक बैठता है।
जरूरत है एक उचित मंच की_
सरकार की बेरुखी से आहत उनका कहना है कि सरकार की बेरुखी के कारण चित्रकला में प्रदर्शन करने वाले उचित मंच न मिलने के चलते इस क्षेत्र में काम नही करना चाहते और यह कला और कलात्मक कार्य करने वाली हस्तियां क्षेत्र में दम तोड़ती जा रही है। सरकार ऐतिहासिक धरोहरों पर कला का कार्य करवाए इससे कला के चित्रकारों को काम मिलेगा। प्राचीन धरोहरों पर भी काम कर सकते हैं। आशीष का कहना है कि सरकार प्राचीन धरोहरों पर कार्य करने के लिए विदेशों से चित्रकार बुलवाते हैं। लेकिन सरकार चाहे तो अपने ही प्रदेश से युवा चित्रकारों को मौका दे और रोजगार के आयाम प्रदान करे। नए युग में इंटीरियर की डिमांड अधिक बढ़ी है और नए युग में इंटीरियर के क्षेत्र में भी अच्छा काम कर सकते हैं।
क्या कहते हैं जिला कलेक्टर_
इस विषय पर कोंडागांव कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा का कहना है कि हमारे यहाँ के स्थानीय मूर्तिकार और कलाकार काफी प्रतिभाशाली हैं स्थानीय मूर्तिकारों को अपने जिले में संचालित प्रोजेक्ट के माध्यम से मार्केट उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास करेंगे ताकि उनको रोजगार के अवसर मिल सके।