पैरादानी बने बांसकोट के अशोक शार्दुल, गोठानो के मवेशियों के लिए दान किया पैरा

आशीष दास

कोंडागांव/विश्रामपुरी । छत्तीसगढ़ में दान- पुण्य की परंपरा रही है। यही कारण है कि दान के लिए बढ़ चढ़कर सहभागिता निभाते है। जिले के किसान विगत वर्षों से गोठानों में अधिक से अधिक पैरादान कर रहे है।कोंडागांव जिले के किसानों को खेत की पराली जलाने से रोकने व पैरा को अधिक से अधिक गोठानों में दान के लिए कलक्टर दीपक सोनी के निर्देश में एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। ग्रामीणों व किसानों के जागरुकता के साथ-साथ विभिन्न विभागों के निरंतर प्रयासों से जिले के गोठानों मे व्यापक मात्रा में पैरा संग्रहण का कार्य किया जा रहा है।इसी कड़ी में विकासखंड बडेराजपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत बांसकोट के कृषक अशोक शार्दुल के खेत में हार्वेस्टर से फसल कटाई उपरांत पराली को गोठानों हेतु बेलर मशीन के माध्यम से बंडल बनाकर समीप के गोठान बांसकोट, बालेंगा, मारंगपुरी, मानिकपुर, मचली, लिहागांव, कोगेंरा, में पशुओं के चारा हेतु भण्डारण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि घर के मवेशियों के चारे के लिए पर्याप्त मात्रा में पैरा है जो शेष पैरा है उसे गोठान में दान किया है। ज्यादा मात्रा में पैरा होने तथा रखने की व्यवस्था नहीं होने से खराब हो जाता है। खराब होकर नष्ट होने से अच्छा गोठान में पैरादान कर मवेशियों के चारे के काम आएगा। बता दें कि कलक्टर सोनी ने कृषि एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर इस कार्य को सफल बनाने हर सम्भव प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया था। पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग एवं कृषि विभाग के मैदानी अधिकारी निरंतर रूप से कृषकों को इस ओर प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि ग्रामीणों द्वारा बढ़-चढ़ कर पैरादान करनें आगे आ रहे हैं। इसी श्रृंखला में जिले के कृषि विभाग द्वारा खेतों से पैरा एकत्रित करने के लिए आधुनिकतम बेलर मशीन का भी उपयोग किया जा रहा है और गोठानों में पैरादान हेतु अधिकारियों के द्वारा बड़े किसानों को अधिक से अधिक पैरादान करने की अपील की जा रही है।