पंडरिया।श्रद्धालु सुबह से ही मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते रहे।महामाया मंदिर में दोपहर में अष्टमी हवन पूजन किया गया।महामाया मंदिर में 1025, ज्योति कलश की स्थापना की गई थी। जिसमें 9 कलश घी के थे तथा 1016 ज्योति कलश तेल के जलाए गए थे।महामाया मंदिर के अलावा नगर के शीतला मंदिर में भी ज्योति कलश प्रज्वलित की गई।साथ ही सभी मंदिरों में रंग रोदन कर आकर्षक ढंग से सजाया गया था।ऐसा माना जाता है कि नगर के महामाया देवी रतनपुर एवम पंडरिया दोनों सगी बहन हैं। जमीदारी शासन काल में जब पंडरिया जमीदार कर (राजस्व) भुगतान करने रतनपुर आते – जाते रतनपुर मां की अनन्य भक्ति से मां की अपने कामठी राजधानी विराजने की भाव भक्ति से देवी की छोटी बहन पहले कामठी में और कालांतर में पंडरिया में श्री महामाया देवी के रुप में धरती से प्रगट हुई हैं! वास्तव में दोनों, देवी भागवत में जो 51शक्ति पीठ की नामोल्लेख आता हैं ! उसमें रतनपुर ,पंडरिया नहीं आता। लेकिन लोक आस्था अनेक चमत्कारिक , पूर्ण मनोकामनाओं के सिद्ध होने के चलते ये दोनों मन्दिर को सिद्ध शक्ति पीठ कहते हैं! वास्तव में पंडरिया महामाया मंदिर सार्वजनिक नहीं हैं! गोंड राजा उपाधि (जमींदार) का निजी मंदिर है।वर्तमान सर्वराकर राजा भीवान सिंह उम्र 2 वर्ष जो नाबालिक हैं , बालिग होते तक पारिवारिक व्यवस्थानुसार पूर्व राजा कृष्ण राज सिंह के मंझला बेटा अमर राज सिंह संरक्षक के रुप में स्मूर्ण कार्यों का संचालन, देख देख कर रहे है।मंगलवार शाम को नवमी के अवसर पर जन्मों उत्सव के दिन ज्योत जंवारा विसर्जन किया जाएगा।जिसमें हजारों भक्त शामिल होंगे।

- April 16, 2024