प्राथमिक विद्यालय में कम से कम चार शिक्षक जरूरी, 2 शिक्षक केवल से नहीं आएगी गुणवत्ता।

पंडरिया -छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षक विहीन व एक शिक्षकीय स्कूलों में शिक्षक भेजने के लिए भर्ती करने के बजाय युक्तियुक्तकरण करने जा रही है।इससे जिन स्कूलों में पढ़ाई हो रही है,वहां भी शिक्षकों की कमी के चलते पढ़ाई नहीं होगी।केवल विद्यालय को संचालित करने दो शिक्षकों का सेटअप युक्तियुक्तकरण में तैयार किया गया है।दो शिक्षक होने पर विद्यालय खुलने की केवल औपचारिकता पूरी होगी तथा मध्यान्ह भोजन में सिमट कर रह जायेगा ।ज्ञात हो कि युक्तियुक्तकरण में 60 बच्चों में प्रधान पाठक सहित दो शिक्षक का प्रावधान किया गया है।जबकि पांच कक्षाएं होती है।प्राथमिक विद्यालय में दो शिक्षक होने से प्राथमिक शिक्षा में गुणवत्ता नहीं रहेगी तथा नींव कमजोर हो जाएगी।वर्तमान में प्रधान पाठक प्रतिदिन ऑन लाईन कार्य व शासकीय डाक में व्यस्त रहते हैं।शेष एक शिक्षक से पांच कक्षाओं का अध्यपन संभव नहीं है।यह विद्यालय लगाने के लिए केवल खाना पूर्ति ही रहेगा।शिक्षा विद सेवा निवृत्त शिक्षक डीआर साहू ने बताया कि 50 से अधिक दर्ज वाले प्राथमिक विद्यालयों में शासन को गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए प्रधान पाठक के अलावा कम से कम तीन शिक्षक होना चाहिए।जिससे पहली व दूसरी का एक साथ क्लास लगाकर कक्षा 3,4 व 5 वी को अलग शिक्षा दी जा सके।अलग क्लास के लिए अलग शिक्षक की आवश्यकता है।इस प्रकार 4 क्लास में बांटकर पढ़ाने के लिए कम से कम चार शिक्षक जरूरी है।
*कोर्स नहीं होगा पूरा*- प्राथमिक विद्यालयों में दो शिक्षक होने से कोर्स पूरा नहीं हो सकता।क्योंकि आजकल अन्य शासकीय कार्य की अधिकता होने के कारण एक शिक्षक लिपिकीय कार्य मे संलग्न रहता है।केवल एक शिक्षक के भरोसे पढ़ाई संभव नहीं है।श्री साहू ने बताया कि प्राथमिक शाला में 5 कक्षा होते हैं,जिसमें विषय अनुसार प्रत्येक दिन 18 कालखंड होते हैं।ऐसे में प्रधान पाठक को छोड़ देने पर एक शिक्षक 18 कालखंड कैसे अध्यापन करा पायेगा।प्रत्येक क्लास के लिए एक शिक्षक का होना अनिवार्य है।शासन द्वारा युक्तियुक्तकरण कर उन विद्यालयों के गुणवत्ता को भी प्रभावित किया जा रहा है,जहां अभी पर्याप्त शिक्षक हैं तथा कुछ हद तक अच्छी शिक्षा मिल रही है।युक्तियुक्तकरण करना है तो प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में कम से कम चार शिक्षक पदस्थ करना चाहिए।
*मिडिल स्कूल में चार शिक्षक*-युक्तियुक्तकरण में मिडिल स्कूल में चार शिक्षक का प्रावधान किया गया है,जबकि केवल तीन कक्षाएं हैं।इसके विपरीत 5 कक्षाओं के लिए प्राथमिक में केवल दो शिक्षक दिए जा रहे हैं,इससे प्राथमिक शिक्षा और कमजोर होगी।प्राथमिक शिक्षा बेस होता है,यहीं से बच्चो का भविष्य निर्धारित होता है।यदि प्राथमिक शिक्षा कमजोर होता है तो आगे की कक्षाओं में परेशानी होती है।बेस कमजोर होने की वजह से ही वर्तमान में मिडिल व हाई स्कूल में अधिकतर कमजोर बच्चे नकल व शासन के पास करने के नीति के चलते पहुंच रहे हैं ।शासन को प्राथमिक शिक्षा पर जोर देते हुए गुणवत्ता युक्त शिक्षा व पर्याप्त शिक्षक की व्यवस्था करनी चाहिए।