नवरात्रि में आरती के समय स्वयंभू गणेश मंदिर में पहुंच जाते हैं तीन भालू प्रसाद खाने


नगरी,सिहावा,बेलरगांव

धमतरी जिले के नगरी विकास खण्ड बेलरगांव तहसील क्षेत्र के वनांचल ग्राम गढ़डोगरी (रै.) में नवरात्रि पर्व पर रात्रि में स्वयंभू गणेश मंदिर में आरती के समय पहुंच जाते हैं। तीन भालू प्रसाद खाने के लिए।भालू का परिवार प्रसाद खाने के बाद वापस जंगल में लौट जाते हैं। ऐसा सिलसिला बहुत दिनों से चलते आ रहा है।इस तरह के घटना को देखने के लिए दूर- दूर से लोग भी पहुंचते हैं। लेकिन भालुओं ने आज तक किसी पर हमला नहीं किया जबकि जंगली जानवर हिंसक होते हैं।

और उन पर विश्वास करना मुश्किल होता है। लेकिन इस दौरान अब तक किसी को भी कोई नुक़सान नहीं पहुंचाया है। अविश्वसनीय किंतु यह सत्य घटना है।जिसे देखकर हर कोई आश्चर्य चकित रहता है। धमतरी जिले के बेलरगांव तहसील मुख्यालय से 5 कि.मी की दूर पर स्वयंभू गणेश भगवान का मंदिर है।और वहां के आसपास पूरा धार्मिक स्थल है। जहां बहुत दिनों से निरंतर जंगल से तीन भालू प्रसाद खाने के लिए पहुंचते हैं।

बताया जाता है की प्रतिदिन नवरात्रि में स्वयंभू गणेश भगवान का शाम को आरती के समय वाघयंत्र बजाते हैं तब जंगल क्षेत्र से भालू के तीन सदस्यीय परिवार गणेश मंदिर में पहुंच जाते हैं। जिन्हें गणेश मंदिर के पुजारीयों ने अपने हाथों से देकर प्रसाद खिलाया जाता हैं।भालू भी पालतू की तरह प्रसाद खाते हैं और प्रसाद खाने के बाद फिर से जंगल की और निकल जाते हैं यह सिलसिला करीब बहुत दिनों से चल रहा है।इस तरह के अचरज भरे वाक्या को देखने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लोग भी स्वयंभू गणेश भगवान के मंदिर में पहुंचते हैं। लोगों के भीड़ होने के बावजूद जंगल से भालू मंदिर में पहुंचते हैं और वहां के पुजारीयों के द्वारा दिए गए प्रसाद को खाकर बिना किसी को नुकसान पहुंचाए जंगल की ओर लौट जाते हैं।