पालको के व्यवहार में परिवर्तन ला रहा सजग कार्यक्रम

राजेन्द्र साहू

दुर्ग ग्रामीण । कोविड 19 संक्रमण काल की विकट परिस्थिति ने लोगो को एक ओर जहां मानसिक ,शारीरिक और आर्थिक रूप से परेशान किया है वहीं इस काल ने मनुष्य को स्वयं व परिवार को समझने का मौका भी दिया है ।इस विपरीत परिस्थिति में भी बच्चो के साथ व्यवहार कैसा हो जिससे इनमें शारीरिक ,मानसिक ,बौद्धिक एवं सामाजिक विकास की बेहतर नीव रखी जा सकी इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग ग्रामीण की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका सजग कार्यक्रम के तहत ऑडियो सुनाने व समझाने का कार्य गृह भेट तथा सोशल मीडिया के माध्यम से कर रही है । अजय कुमार साहू बाल विकास परियोजना अधिकारी दुर्ग ग्रामीण ने बताया कि कोरोना संक्रमण का प्रभाव बड़ो के साथ साथ बच्चो के मनःस्थिति पर पड़ रहा है पालकों और बच्चो में बेहतर तालमेल हो सके तथा पालकों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके इस हेतु 30 दिसंबर 2020 को सभी 221 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ की सजग कार्यक्रम के 1 से लेकर 28 तक की ऑडियो कड़ी को और गहराई से समझने तथा वर्तमान में इस ऑडियो को सुनने और समझने के बाद पालकों के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया है इस विषय पर कार्यकर्ताओ के संग सजग चौपाल का आयोजन किया गया ।

चौपाल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आरती साहू मातरोडीह ने अपने अनुभव साझा किया कि वे अपने हितग्राहियों को सजग कार्यक्रम के आडियो को व्हाट्सएप ग्रुप व गृहभेंट के माध्यम से मोबाइल में आडियो को सुनाकर उन तक आडियो शेयर करती हूं ।मैं गृहभेंट के लिए कुणाल जो 4 साल का है उसके घर गई थी उसके घर में कुणाल के पापा मुकेश और उसकी मां जागेश्वरी थी मैंने उन्हे सजग अभियान की 6वीं कडी पौधे पानी और धूप इस आडियो को उन दोनों को सुनाया उन लोगों को ये आडियो बहुत अच्छा लगा मैंने उन्हें समझाया कि पौधे पानी और धूप इस आडियो के माध्यम से हमें (माता-पिता)को यह संदेश दिया गया है कि हमारे जो बच्चे हैं पौधे के समान हैं जैसे एक पौधे के बढने फूलने के लिए धूप और पानी दोनों की समान जरूरत होती है उसी प्रकार हमारे बच्चों को बढने के लिए उन्हें अच्छे संस्कार देने के लिए जिम्मेदारी सिर्फ मां की नहीं है जितनी जिम्मेदारी मां की है उतनी ही जिम्मेदारी पिता और घर के सभी सदस्यों की है एक पौधे को बढने के लिए धूप और पानी दोनों की सामान आवश्यकता होती है उसी प्रकार एक बच्चे को सही संस्कार देने के लिए माता पिता दोनों की बराबर जिम्मेदारी है वे दोनों मेरी बातों को अच्छे से सुना व समझा उन्हें ये आडियो बहुत ही अच्छा लगा कुणाल के पिता मुकेश बोले मैं मेरे बच्चे कोई भी गलती करते कुछ भी गलत बोलते थे कुछ भी गलत करते थे उसके लिए कुणाल की मां को डांट देता था बच्चों की जिम्मेदारी तुम्हारी है तुम रोज घर में रहती हो घर में रहकर तुम क्या करती हो ?क्या सही है ? क्या गलत है ? ये भी बच्चों को अच्छे से समझा नहीं पाती हो ,इस आडियो को सुनने के बाद मुझे बहुत ही अच्छे से समझ आ गया है कि मेरे बच्चों की जिम्मेदारी सिर्फ उसके मां की नहीं है मेरी भी है उनके अच्छे परवरिश बच्चों को अच्छे संस्कार देने के लिए हम भी उतने ही जिम्मेदार है जितना की जागेश्वरी की जिम्मेदारी है।ग्राम बोड़ेगांव केंद्र 01 की कार्यकर्ता श्रीमती माधवी ठाकुर ने बताया कि सजग कार्यक्रम के तहत तीसरी कड़ी अनचाहा व्यवहार आडियो के माध्यम से माता पिता को अपने बच्चे के व्यवहार को समझने में आसानी हुई ।हम बच्चो की बातो को समझ नही पाते थे।उनके व्यवहार समझ नही पाते थे कि उन्हे क्या चाहिये ? हमे लगता था बच्चा भूखा होने पर चिड़चिड़ापन करता है जबकि आडियो को सुनने पर ही समझ पाये कि बच्चे की भूख से नही बल्कि अकेलेपन से चिड़चिड़ापन आ रहा है ।इस आडियो के सुनने पर पालक में बहुत बदलाव आया हैं और पालक अब अपने बच्चो के साथ समय बिता रहे है।