पाटन ।ब्लॉक के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (उपकेंद्र)साथ ही पीएचसी ,सीएचसी में आयोजित हुआ कार्यक्रम
प्रत्येक वर्ष 25 अप्रेल को मनाया जाता है विश्व मलेरिया दिवस
रैपिड डाइग्नोस्टिक किट से प्रत्येक गांव में जांच की सुविधा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग डॉ जेपी मेश्राम के निर्देशानुसार व खण्ड चिकित्सा अधिकारी पाटन डॉ आशीष शर्मा के मार्गदर्शन में विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर फुंडा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए । हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के आरएचओ बिष्णु प्रसाद देवांगन ने बताया की विश्व मलेरिया दिवस प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य जनसमुदाय को मलेरिया के कारण ,लक्षण, निदान के प्रति जागरूक करना है।

वर्ल्ड मलेरिया डे 2023 की थीम टाइम टू डिलिवरी ज़ीरो मलेरियाः इनवेस्ट, इनोवेट, इंप्लीमेंट” यानी “शून्य मलेरिया देने का समय: निवेश, नवाचार, कार्यान्वयन” रखा गया है। थीम का मुख्य मक्सद है विश्वभर में मलेरिया बीमारी से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों को बढ़ावा देना और नए नए तरीकों को प्रैक्टिस करना, ताकि मलेरिया को विश्व से जल्द से जल्द खत्म किया जा सके। मलेरिया होने का मुख्य कारण परजीवी मादा एनफिलिज मच्छर है जो की सामान्यतः शाम को अँधेरा होते वक्त या फिर सुबह के वक्त काटते है तथा ये ठहरे हुए गंदे पानी में शीघ्रता से पनपते है , सीएचओ नेहा भीमगज व आरएचओ संतोषी देवांगन ने ग्रामीणों को मलेरिया के लक्षणों के बारे में बताया की मलेरिया होने पर तेज बुखार सहित सर्दी -खासी जैसे कई लक्षण सामने आते हैं। इनमें ठंड के साथ जोर की कंपकंपी, सिर में दर्द, मांशपेशियों में दर्द, थकावट आदि शामिल हैं। मितली, उल्टी, डायरिया जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। खून की कमी और आंखों के पीला होने जैसी स्थितियां भी आ सकती हैं।मलेरिया के कारण खून की कमी और पीलिया भी हो सकता है रोग के गंभीर मामलो में यह किडनी फेल्योर और साँस संबंधी समस्याओ का कारण भी बन सकता है समुचित इलाज न मिलने पर पीड़ित की मृत्यु भी संभव है इसलिए मलेरिया के कोई भी लक्षण मिलने पर मितानिन या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर तत्काल खून की जाँच अवश्य कराना चाहिए । वर्तमान समय में शासन ने मलेरिया के जाँच के लिए मितानिन तथा स्वास्थ्यकेंद्रो में रैपिड डायग्नोस्टिक किट उपलब्ध कराया है जिससे 10 से 15 मिनट में मलेरिया की जाँच हो जाती है तथा तत्काल प्राथमिक उपचार भी मरीज को प्राप्त हो जाता है ।स्वास्थ्य पर्यवेक्षक राजेन्द्र कुमार टंडन व आरएस शांडिल्य ने मलेरिया से रोकथाम के उपाय के बारे में जानकारी देते हुए कहा की किसी भी रोग से बचाव के लिए स्वच्छता व उस रोग के बारे में जानना बहुत आवश्यक है।
मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी से गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर पर बचाव की आवश्यकता होती है क्योंकि जच्चा के साथ बच्चे में भी मलेरिया के कारण स्वास्थ्यगत समस्याएं आ सकती है ।मच्छरों के नियंत्रण व मलेरिया से बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखे मलेरिया के मच्छर गंदे पानी तथा साफ पानी दोनों में पनपते है इसलिए घरो में कूलर के पानी को प्रत्येक सप्ताह बदलना चाहिए, घर के आसपास के गढ्डे तथा नालियो में मिटटी का तेल या जले ऑइल को प्रत्येक सप्ताह छिड़काव करना चाहिए ,पुराने टायरों ,बर्तन आदि में पानी का जमाव नहीं होने देना चाहिए ,सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए ,पुरे आस्तीन का कपड़े पहनना चाहिए, शाम के समय नीम के पत्ते का धुंआ करना चाहिए। जागरूकता कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग से आर के टण्डन ,मितानिन एवं ग्रामीण खोमलता ,मीना, शकुन, अनिता, निर्मला ,अहिल्या ,तारा, नीलम के साथ बड़ी संख्या में अन्य लोग उपस्थित रहे।