अंडा।शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय विनायकपुर मे मनाया गया बसंत पंचमी का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों ने भाग लिया बसंत पंचमी सरस्वती पूजा के अवसर पर, देश भर में विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा कजाती है। यह पर्व माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया है, जो आमतौर पर जनवरी या फरवरी में पड़ता है । इस अवसर पर विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिनमें गीत, नृत्य शामिल थे ।
कार्यक्रम के दौरान शाला के प्रधानाचार्य मंजित सिंह राजपूत ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए और विद्यार्थियों को इस त्योहार की भावना को समझने के लिए प्रेरित करते हुए उन्हे बताया गया की शिक्षा हमारे जीवन मे कितना महत्व रखता है इसलिए पढ़ाई मे हमेशा आगे रहो खुद ज्ञान ग्रहण करो और दुसरो को ज्ञान प्रदान करने की कोशिश करो।बच्चों को विद्या और ज्ञान की देवी की पूजा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
यह कार्यक्रम शाला के विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए एक यादगार अनुभव था, जिसने उन्हें बसंत पंचमी के महत्व और सांस्कृतिक महत्व को समझने में मदद की। इस कार्यक्रम मे शाला परिवार से भातेन्द्र गंगराले,सरस्वती उमरे,रोहित देशमुख,देवश्री साहू, पूर्णिमा कोशले,ममता तिवारी,मालती साहू,उषा ठाकुर,लीना जोशी,मीनाक्षी नेताम,प्रेमलता योगी,गुलशन चंद्राकर,दीपमाला यादव,तरुण साहू उपस्थित थे।
इस दिन, लोग पीले वस्त्र पहनते हैं और सरस्वती की पूजा करते हैं। विद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों में भी सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है। लोग अपने घरों में भी सरस्वती की पूजा करते हैं और अपने । बसंत पंचमी का पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक उत्सव भी है। यह पर्व विद्या, ज्ञान, और संस्कृति के महत्व को प्रतिबिंबित करता है और लोगों को अपने जीवन में इन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।