आरती के समय पहुंच जाते है भालू गणेश मंदिर गढडोगरी में, प्रसाद खाकर फिर चले जाते हैं वापस

मौर्यधवज सेन
नगरी/सिहावा, बेलरगांव।धमतरी जिले से लगभग 80 किलोमीटर ओर सिहावा क्षेत्र से 10 किलोमीटर की दूर पर सिथत गढडोगरी में विराजे गणेश मंदिर की जहा नवरात्र में हर दिन भालू प्रशाद खाने पहुंच रहे हैं।यह ग्राम गढ़डोगरी के गर्ग ऋषि पर्वत के नीचे यह गणेश मंदिर सिथत है।

भक्तों और पुजारियों ने बताया कि यह स्वयंभू गणेश मंदिर 16 वी शताब्दी से है।इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा लगी रहती हैं पर इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि तीन भालु भगवान गणेश जी की प्रागंण में प्रसाद खाने पहुंचते है।और प्रसाद खाकर जगंल पहाड़ की ओर वापस चल देते हैं।स्थानीय निवासी का कहना है कि यहां बारहपाली का समिति है जो नवरात्रि के पर्व में संध्या के समय सेवा गीत गाने आते हैं इस दौरान भालु भी आता है और रहता है और घुम कर चला जाता है।बता दे की इन तीन भालुओ में एक मादा ओर दो बच्चों शामिल हैं ये तीनों सुबह ओर संध्या आरती के समय. आते है ओर प्रसाद खाकर वापस जंगल पहाड़ियों में वापस चले जाते हैं।साथ ही मंदिर प्रांगण में भक्त भजन कीर्तन भी कर रहे थे।भक्तों ओर ग्राम वासियों का कहना है कि भालुओं को जामवंत का स्वरूप माना जाता है ओर अभी तक भालुओं ने किसी प्रकार से जान माल की क्षति भी नहीं पहुचाई है।आपको बता दें कि यह गणेश मंदिर ग्राम गढडोगरी के गर्ग ऋषि पर्वत के नीचे सिथत है ओर यह 16 वी शताब्दी से है।यहां हर वर्ष नवरात्रि के साथ साथ गणेश चतुर्थी मे भी भक्तों का ताता लगा हुआ रहता है इस मंदिर पर यहाँ के ग्रामीणों को बड़ी आस्था है।