भगवान के विवाह में शामिल हुए भक्त, देवादा में भागवत कथा का आयोजन, आज सुदामा और श्री कृष्ण की मित्रता की कथा सुनाई जाएगी


पाटन। ग्राम देवादा आयोजित संगीतमय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में के पांचवें दिन  पंडित रामकृष्ण शुक्ला महाराज  ने गोवर्धन पूजा की दिव्य कथा विस्तार पूर्वक सुनाई। उन्होंने बाल कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करने के पश्चात गोवर्धन पूजा, रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनाया। कथा के दौरान भगवान गिरिराज महाराज के समक्ष सुंदर छप्पन भोग के दर्शन कराए। उन्होंने यह भी बताया कि जहां सत्य एवं भक्ति का संबंध होता है। वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है। उन्होंने गाय की सेवा एवं महत्व को समझाते हुए बताया कि प्रत्येक हिंदू परिवार में गाय की सेवा अवश्य होनी चाहिए। महाराज ने कहा कि आज कल की युवा पीढ़ी अपने धर्म अपने भगवान को नही मानते है, लेकिन तुम अपने धर्म को जानना चाहते हो तो पहले अपने धर्म को जानने के लिए गीता, भागवत ,रामायण पढ़ो तो, तुम नहीं तुम्हारी आने वाली पीढ़ी भी संस्कारी हो जाएगी। ब्रज वासियों ने इंद्र की पूजा छोड़कर गिर्राज जी की पूजा शुरू कर दी, तो इंद्र ने कुपित होकर ब्रज वासियों पर मूसलाधार बारिश की। कृष्ण भगवान ने गिर्राज को अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाकर ब्रज वासियों की रक्षा की और इंद्र का मान मर्दन किया।

श्री कृष्ण और रूखमणी विवाह में शामिल भक्तगण

इंद्र को भगवान की सत्ता का एहसास हुआ और इंद्र ने भगवान से क्षमा मांगी व कहा हे प्रभु मैं भूल गया था की मेरे पास जो कुछ भी है, वो सब कुछ आप का ही दिया है। इस अवसर पर श्री कृष्ण बाल लीला, माखन लीला, गौ चारण, गोवर्धन पूजा के प्रसंग सुनाए गए। उन्होंने कंस की क्रूरता के समान जूझते समाज में अनंत कोटी ब्रहमांड पानक परमात्मा के प्राकट्य की आवश्यकता बताते हुए भगवान के अवतरण का प्रसंग सुनाया। इस मौके पर श्रीकृष्ण के बाल रूप की मनमोहक झांकी को देख भक्तगण भावुक हो गए, हर तरफ जय कन्हैयालाल की उदघोष गूंजने लगे।

Gayatri biochemic arogyam Patan

सबने कृष्ण जन्म पर एक दूसरे को बधाई दीं। बच्चों ने खूब टाफियां बटोरीं तथा उडाए गए गुब्बारे लूटे।

भागवत महापुराण की आरती करते आयोजक परिवार