पाटन। ग्राम छाटा में से भागवत कथा के दूसरे दिन शुक्रवार की पूजा अर्चना के साथ कथा शुरू हुई। द्वितीय दिवस की कथा में कथा व्यास रेणुका दीदी गोस्वामी वृंदावन धाम ने श्रीमद् भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि भागवत महापुराण को वेदों का सार कहा जाता है। आचार्य जी ने श्रीमद्भागवत महापुराण की व्याख्या करते हुए बताया कि श्रीमद्भागवत अर्थात जो श्री से युक्त है अर्थात चैतन्य,सौंदर्य,ऐश्वर्य यानी वह कथा जो हमारे जड़वत जीवन में चैतन्यता का संचार करती है जो हमारे जीवन को सुंदर बनाती है वह श्रीमद् भागवत कथा है। उन्होंने बताया कि यह ऐसीअमृत कथा है जो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। इसलिए परीक्षित ने स्वर्ग अमृत की बजाय कथामृत की ही मांग की।
कथा व्यास रेणुका दीदी ने भागवत को वेद पुराण उपनिषओं का सार बताते हुए कहा कि जैसे जंगल में शेर की गर्जना सुनते ही सभी जीव जंतु भाग जाते हैं। वैसे ही श्रीमद् भागवत के श्लोक सुनते ही मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाते हैं। श्रीमद्भागवत कथा में 335 अध्याय, 12 सल तथा 18000 श्लोक हैं। जैसे मनुष्य में राजा सुरेश होता है, नदियों में गंगा, शरीर में मस्तक तथा वैष्णव में भगवान अच्युत श्रेष्ठ हैं, वैसे ही पुराणों में श्री भागवत महापुराण श्रेष्ठ है। श्री श्री भागवत कथा के श्रवण से भक्ति ज्ञान वैराग्य की जागृति होती है। धुंधकारी जैसे पापी व्यक्ति भी पुनीत हो जाता है।
कथा के दौरान उन्होंने वृंदावन का अर्थ बताते हुए कहा कि वृंदावन इंसान का मन है। इसलिए वृंदावन में जाकर भक्ति देवी तो तरुण ही हो गई पर उसके पुत्र ज्ञान और वैराग्य अचेत और निर्बल पड़े रहते हैं।उनमें जीवंतता और चैतन्यता का संचार करने हेतु नारद जी ने भागवत कथा का ही अनुष्ठान किया। इसको श्रवण कर वह पुनः जीवन्त और सफल हुए थे। व्यास जी कहते हैं कि भागवत कथा एक कल्पवृक्ष की भांति है, जो जिस भाव से कथा श्रवण करता है वह उसे मनोवांछित फल देती है। अन्त में भक्तों ने आशीर्वाद प्राप्त किया। पहले दिन की कथा का विश्राम प्रभु की मंगल आरती से किया गया। इस अवसर मुख्य यजमान गिरधर बघेल, श्रीमती शैल बघेल, सहित हिरेंद्र वर्मा, दीप्ति वर्मा, श्रीमती विद्या वर्मा, अभिनेष वर्मा, श्रीमती वंदना भूपेंद्र वर्मा , श्रीमती रीना अशीष देशमुख ,जयप्रकाश बघेल रवि प्रकाश बघेल सहित श्रीमती मीना वर्मा ,श्रीमती रामेश्वरी पंथ राम वर्मा , श्रीमती उमा वर्मा , सतानंद वर्मा, अंशुमन ,आस्क, यशिका ,श्रीजी एवं ग्रामवासी मौजूद थे। कथा में दिनांक 15 फरवरी शनिवार को कपिल अवतार, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र की कथा सुनाई जाएगी । 16 फरवरी दिन रविवार को जड़ भरत कथा, आजिमाल ,प्रहलाद चरित्र की कथा सुनाई जाएगी । 17 फरवरी सोमवार को गजेंद्र मोक्ष, वामन चरित्र ,राम कथा, कृष्ण जन्म की कथा सुनाई जाएगी। इसी तरह 18 फरवरी मंगलवार को बाल लीला ,गोवर्धन लीला, माखन चोरी एवं रास महाराज की कथा सुनाई जाएगी ।19 फरवरी दिन बुधवार को कंस वध ,उद्धव गोपी संवाद, श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह का आयोजन होगा। 20 फरवरी गुरुवार को सुदामा चरित्र ,परमधाम गमन एवं परीक्षित मोक्ष कथा होगी। कथा के विश्राम दिवस 21 फरवरी शुक्रवार को गीता पाठ ,तुलसी वर्षा, पूर्णाहुति, देव विदाई, ब्राह्मण भोज, हवन ,कपिल दर्पण सहस्त्र धारा के साथ कथा विश्राम होगा।