बालोद के मोहारा, सुर्रा एवं घोघोपुरी में खाद गोदाम एवं समिति कार्यालय भवन का हुआ भूमिपूजन

बालोद । दिनांक 09 दिसंबर को जिला बालोद के सेवा सहकारी समिति मोहारा, सुर्रा एवं घोघोपुरी में 200 मिट्रीक टन खाद गोदाम एवं समिति कार्यालय भवन निर्माण कार्य का भूमिपूजन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संगीता सिन्हा विधायक बालोद एवं सदस्य छ.ग. राज्य गृह निर्माण मंडल, अध्यक्षता राजेन्द्र साहू अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग, विशेष अतिथि बसंत सोनबेर उपाध्यक्ष कृषि उपज मंडी बालोद, तामेश्वर साहू अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी गुरुर, केदार देवांगन सभापति जिला पंचायत बालोद, तोषण साहू जोन अध्यक्ष पीमन साहू जोन अध्यक्ष, ममता यदू सदस्य जनपद पंचायत गुरुर, डेहर साहू सेक्टर अध्यक्ष, बंशीलाल देशमुख, निगरानी समिति सदस्य, हरख साहू निगरानी समिति सदस्य, लीलाराम सिन्हा सरपंच ग्राम पंचायत घोघोपुरी श्री खिलेश्वर केहरी अध्यक्ष समिति घोघोपुरी पुरन साहू, डेहर साहू सेक्टर अध्यक्ष, भीषम साहू निगरानी समिति सदस्य, खिलेश्वर साहू सरपंच ग्राम पंचायत सुर्रा, पुनाराम अध्यक्ष समिति सुर्रा उपस्थित थे। मीना साहू जनपद सदस्य, विवेकानंद सेक्टर प्रभारी राजकुमार साहू निगरानी समिति सदस्य, खोरबाहरा साहू निगरानी समिति सदस्य, दीपधा साहू सरपंच ग्राम पंचायत मोहारा, बहुर सिंह धनकर अध्यक्ष समिति मोहारा उपस्थित थे.कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संगीता सिन्हा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार ने किसानों की सुविधा को देखते हुए इस बार 01 नवंबर से धान खरीदी कार्य प्रारंभ किया है, जिससे किसानो को लाभ मिला है। छ.ग. शासन किसानों राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से समय-समय पर चार किश्तो में धान के अंतर राशि का भुगतान कर रही है, जो कि किसानों के लिए खेती-किसानी एवं त्यौहारों में उपयोगी साबित हो रहा है।इस अवसर पर राजेन्द्र साहू ने कहा कि किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते बैंक कार्यक्षेत्र अंतर्गत 129 नए समितियों का गठन किया गया एवं 44 उपकेन्द्र खोले गए छत्तीसगढ़ शासन अपने घोषणा पत्र अनुसार 2500 रु. में धान खरीदी कर ही है जो कि पूरे देश में कही भी नहीं है। गोधन न्याययोजना के गौठान के माध्यम से 2रु. किलो गोबर खरीदी करने से स्वयं सहायता समूह एवं ग्रामीणों को रोजगार मिला एवं उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुयी है। स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जाने से ग्रामीणों के बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा एवं अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ है। शासन ने बिजली बिल आधा करने के अपने घोषणा को भी पूर्ण किया. भूमिहीन मजदूरों को न्याययोजना के माध्यम से 7000 रु. सालाना आर्थिक सहायता दी जा ही है, आने वाले समय में धान का समर्थन मूल्य में और भी वृद्धि किया जावेगा। उन्होने किसानों को गौठानों में पैरादान करने का अपील किया।