अंडा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस अहम मीटिंग में कैबिनेट ने 2025-26 के खरीफ सत्र के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 69 रुपये बढ़ाकर 2369 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दे दी। कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लिए कैबिनेट की मीटिंग के लिए फैसलों का ऐलान किया ।इसका सीधा मतलब ये हुआ कि इस सीजन में किसानों को 1 क्विंटल धान के लिए कम से कम 2369 रुपये दिए जाएंगे। बताते चलें कि इससे पहले किसानों को 1 क्विंटल धान के लिए न्यूनतम 2300 रुपये मिल रहे थे।
कैबिनेट ने 14 फसलों के लिए एमएसपी को दी गई मंजूरी,
मंत्रिमंडल ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दे दी। इन 14 खरीब फसलों में धान के अलावा ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, कपास, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, सोयाबीन (पीला), तिल और रामतिल शामिल है। 2025-26 के खरीफ सत्र के लिए अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 450 रुपये बढ़कर 8000 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द का 400 रुपये बढ़ाकर 7800 रुपये प्रति क्विंटल और मूंग का 86 रुपये बढ़ाकर 8768 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमति रमशिला साहू ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसान हितैषी है किसानों के हित में फसल के समर्थन मूल्य का प्रति वर्ष वृद्धि करते हुए लागत राशि से अधिक मुनाफा दे रहे है।
किसान नेता पूर्व विधायक डॉ दयाराम साहू ने कहा कि मोदी की गारंटी में किसानों को उनके लागत की 50 प्रतिशत से अधिक मुनाफा देने का है जिसे पूरा करने किसानों को फसल का समर्थन मूल्य निर्धारित किया जा रहा है वहीं प्रदेश की विष्णुदेव की भाजपा सरकार भी छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी समर्थन मूल्य से अधिक 3100 / में लेकर अपना चुनावी वादा मोदी की गारंटी के साथ पूरा कर रही है।
प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा विशेष आमंत्रित सदस्य धनराज साहू ने कहा कि मोदी जी ने इन फसलों के लिए एमएसपी की कुल धनराशि 2,07,000 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ये सुनिश्चित किया गया है कि किसानों को उनकी लागत के ऊपर कम से कम 50 प्रतिशत का मार्जिन मिले जो किसान को खेती करने प्रोत्साहित कर रहे है ।

- May 29, 2025
किसानों के लिए बड़े तोहफे का ऐलान,मोदी सरकार ने बढ़ाई धान की MSP..KCC को लेकर भी खुशखबरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमति रमशिला साहू ने कहा मोदी सरकार किसान हितैषी
- by Ruchi Verma