ब्लू टेल्ड बी ईटर झुंडों में दिखाई पड़ रहे,नदी व जलाशयों के आस-पास घरोंदे


पंडरिया-ब्लू टेल्ड बी ईटर पक्षी बड़ी संख्या में दिखाई पड़ रहे हैं।ब्लू टेल्ड बी ईटर की संख्या लगातार कम होती जा रही है।यह क्षेत्र में हाफ नदी के किनारे तट पर,रामतला जलाशय व क्रांति जलाशय के आस-पास बड़े समूह में सुबह-शाम इन्हें उड़ान भरते देखा जा सकता है।यह ग्रीन बी ईटर से आकर में बड़े होते हैं।इनका पूंछ नीले रंग का होता है।गले के पास का रंग गोल्डर होता है।यह बहुत ही आकर्षक पक्षी है।क्षेत्र में ग्रीन बी ईटर व ब्लू टेल्ड बी ईटर दो प्रकार के पाए जाते हैं।ग्रीन बी ईटर के शरीर हरे रंग,चोंच लंबे तथा पीठ सुनहरे रंग का होता है।ये उन कीड़ो को पकड़ने में माहिर होते हैं,जो अन्य पक्षियों के लिए खतरनाक या अनुपयुक्त होते हैं।इनका मुख्य भोजन मधुमक्खी है।ये मधुमक्खी को खाने से पहले उसके डंक व जहर को बाहर कर देते हैं।इसके अलावा किट -पतंगे खाते हैं।ये शिकार के लिए छोटे झाड़ियों में कीड़ो को पकड़ने की प्रतीक्षा करते हुए बैठे रहते हैं।ये खतरनाक शिकार को अपने आंखों से दूर रखते हैं।गर्मी के दिनों में ये पक्षी उत्तर भारत की ओर रहते हैं,वहीं सर्दियों के समय दक्षिण की ओर आ जाते हैं।


मार्च से जून तक होता है प्रजननकाल– बी ईटर पक्षी का प्रजननकाल मार्च से जून तक होता है।ये पांच से सात गोलाकार सफेद रंग के अंडे देते हैं।नर और मादा दोनों मिलकर अंडे व चूजों की देखभाल करते हैं।
नदी के कगार व रेत में बनाते हैं घोसले– बी ईटर का घोसला अन्य पक्षियों से भिन्न होता है।ये इमारतों व पेड़ों पर अपना घोसला नहीं बनाते हैं।ये नदी नलके ऊंचे कगार पर गहरा सुरंग बनाते हैं।जो तीन फीट से अधिक गहरा होता है।इसके अलावा बच्चे के उड़ने के बाद ये घोसला छोड़ देते हैं।ये बड़ी कालोनियों में रहते हैं।एक जगह पर 25 से अधिक घोसले बनाकर एक साथ रहते हैं।शिकारी व सांप आदि के कारण ये घोसले सुरक्षित स्थान पर बनाते हैं।
एशियाई देशों में है इनकी आबादी– ब्लू टेल्ड बी ईटर एशिया महाद्वीप के कई देशों में पाया जाता है तथा ऊंचाई से नीचे की ओर प्रवास करने गले पक्षी है।ये चीन,पाकिस्तान,भारत,बांग्लादेश,नेपाल,म्यामांर, श्रीलंका,थाईलैंड,मलेशिया,सिंगापुर,इंडोनेशिया,सिंगापुर,सहित अनेक देशों में ये बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।