रूपेश वर्मा
बलौदाबाजार।यदि निर्धन, लाचार, बेबस लोगों की फरियाद सुनने वाले ही जिम्मेदार लोग बहरे हो जाएं तो गरीब, बेबस लोगों के दुख को आक्रोश में बदलते ज्यादा समय नहीं लगता है। कुछ यदि हाल जिला मुख्यालय बलौदा बाजार से महज 12-13 किमी दूर बसे ग्राम पंचायत खजुरी के लोगों का है। ग्राम खजुरी में स्पंज आयरन प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। ग्राम के 90 फीसदी लोग स्पंज आयरन प्लांट का लगातार विरोध कर रहे हैं इसके लिए ग्रामीणों ने जिलाधीश को ही कई बार लिखित आवेदन भी दे दिया है परंतु जिला प्रशासन है कि उसे इस ओर ध्यान देने की भी फुर्सत नहीं है जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने अब लोकसभा चुनावों में मतदान का पूर्ण बहिष्कार करने का फैसला लिया है। ग्रामीणों का तर्क है कि यदि स्पंज आयरन प्लांट खुल गया तो ग्राम की खेती की जमीन आने वाले वर्षों में बंजर हो जाएगी, जल, जंगल, जमीन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ना भी स्वाभाविक है।


जिले में लागू आदर्श आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को गिनती के कुछ ग्रामीणों ने जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर के नाम लिखित आवेदन देकर आगामी लोकसभा चुनावों का तथा मतदान का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का आवेदन दिया तथा समूचे ग्रामीणों की मंशा बताई। आवेदन देने भले ही चंद लोग ही पहुंचे थे परंतु आवेदन में सौ से अधिक लोगों के हस्ताक्षर थे जो स्पष्ट बताते हैं कि स्पंज आयरन प्लांट के विरोध में ग्रामीण एकजुट तथा आक्रोशित हैं यदि जिला प्रशासन ने समय रहते ग्रामीणों की समस्याओं का उचित समाधान नहीं किया तो भविष्य में स्थिति विस्फोटक हो सकती है।

विदित हो कि जिला मुख्यालय बलौदा बाजार से महज 12-13 किमी बिलासपुर रोड पर स्थित ग्राम पंचायत खजुरी में पॉवर प्लांट स्थापित करने की आड़ में बगैर पंचायत प्रस्ताव के स्पंज आयरन प्लांट लगाए जाने का विरोध अब लगातार उग्र होता जा रहा है। पूर्व से ही ग्रामीणों ने बगैर किसी जनसुनवाई व लैण्ड डायवर्सन के निर्माण कार्य प्रारंभ करने को नियम विपरीत होने का आरोप भी संयंत्र प्रबंधन पर लगाया है तथा इस बाबत जिला प्रशासन को भी आवेदन दिया है। ग्रामीणों के अनुसार उक्त संयंत्र द्वारा पूर्व से ही यहां पॉवर प्लांट का संचालन किया जा रहा है। संबंधित कम्पनी द्वारा यहां स्पंज आयरन संयंत्र स्थापित किया जाता है तो ग्राम खजुरी के अलावा ढाबाडीह, बोईरडीह, केसला के किसानों की लगभग 2 से 3 हजार एकड़ कृषि भूमि पर अत्यधिक दुष्प्रभाव पड़ने से इंकार नहीं किया जा सकता वहीं ग्राम खजुरी, बोईरडीह, ढाबाडीह ग्रामों में आंगनबाड़ी एवं विद्यालय संचालित होते हैं। संयंत्र द्वारा व्यपवर्तन हेतु मांगी गयी भूमि से लगी हुई शासकीय भूमि है जहां पुराना नाला बहता है। यहां चारागाह, गौठान व शमशान भी स्थित है।
ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान में पॉवर प्लांट की चिमनी से निकलने वाले गहरे काले धुंआ से आसपास के ग्रामों के लोग परेशान है। विशेषकर रात्रि के दौरान प्रदूषण नियंत्रण हेतु चिमनी में उपयोग किए जाने वाले यंत्र को संयंत्र द्वारा बंद कर दिया जाता है। ग्रामीणों ने 27 जनवरी 2024 को पंचायत की ग्रामसभा की पंजी की प्रति दिखाते हुए यह भी बताया कि उक्त ग्रामसभा में सरपंच, उपसरपंच, पंचगण एवं ग्रामवासियों की उपस्थिति में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर स्पंज आयरन संयंत्र स्थापित किए जाने का विरोध किया था। इसके अलावा 19 दिसम्बर 2023 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बलौदा बाजार को आवेदन सौंपकर संयंत्र की स्थापना पर रोक लगाए जाने की मांग की गयी थी। बावजूद इसके आज तक जिला प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी है तथा संयंत्र मालिक द्वारा तेजी से निर्माण कराया जा रहा है। जिला प्रशासन के उदासीन रवैये से नाराज ग्रामीणों ने अब लोकसभा चुनावों में मतदान का पूर्ण बहिष्कार किए जाने का अल्टीमेटम दिया है। मंगलवार को कलेक्टर को दिए लिखित आवेदन में ग्रामीण विषय कुमार ध्रुव, कचरूराम ध्रुव, हरिश्चन्द्र कोसले, कांतिबाई, गिरजा, रामकुमार, कुंवरसिंह पटेल, रामलाल, तीजूराम पटेल, तिलबाई, कन्हैयालाल, संतोषी बाई, रेणु ध्रुव, प्रियंका ध्रुव, शिवकुमार, नंदलाल, अर्जुन, लक्ष्मीन, पनेश्वरी, धनेश्वरी पटेल, संतोष चंदेल, गनेशिया पटेल, जानू पटेल, कामदेव, आशाबाई, रामकली, श्वेता मारकण्डेय, प्रीति मारकण्डेय, कोमल गिरी समेत सौ से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर कर लोकसभा चुनावों में मतदान का पूर्ण बहिष्कार करने की बात कही है।
॰ समीप में ही जंगल है, वन्य जीवों पर भी खतरा – ग्रामीणों के अनुसार प्रस्तावित संयंत्र से केवल 2 किमी की दूरी पर सोनबरसा जंगल स्थित है। यहां चीतल, जंगली सुअर, लकड़बग्घा, सियार समेत सरीसृप, पक्षियों, वृक्षों की विभिन्न प्रजातियां मौजूद हैं। संयंत्र स्थापना व इससे उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से वन्य जीवों के असतित्व पर भी संकट उत्पन्न हो जाएगा। इसके अलावा खजुरी, रमदैया नाला के पानी के दूषित होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। यह नाला आगे शिवनाथ नदी में मिलता है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा समेत जिला प्रशासन से मामले में न्याय की गुहार लगाई है।