वट सावित्री की पूजा कर पति की लम्बी आयु की कामना की, पाटन नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र में सुहागिन महिलाओं ने बरगद पेड़ की पूजा कर वट सावित्री की कथा सुनी


पाटन। हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। आज भी इसी तिथि में सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री की पूजा अर्चना की। पाटन नगर के इंदिरा नगर, जनपद पंचायत के सामने , पुराना बाजार चौक, सहित पाटन ने अन्य वार्डो में सुहागिन महिलाओं ने एक साथ वट सावित्री की पूजा की।

पुरोहित पंडित सागर शर्मा द्वारा वट सावित्री का गुणगान करते हुए उसकी कथा भी सुहागिन महिलाओं को सुनाई। पूजा अर्चना वैदिक मंत्रोच्चार से सम्पन्न कराया। उन्होंने कहा की सुहागिन महिलाओं के लिए वट सावित्री व्रत बहुत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है. ये व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है और वट वृक्ष व्रत को पूर्ण करने के लिए काफी महत्वपूर्ण भी है.

बरगद के पेड़ का महत्व
वट सावित्री व्रत में वट वृक्ष का विशेष महत्व है। इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है. बिना इसकी पूजा के व्रत अधूरा माना जाता है। वट सावित्री में वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है और इसे अक्षय वृक्ष भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस वृक्ष की आयु लंबी होती है. यही कारण है कि सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत करती हैं और वट की पूजा करती हैं।

ग्रामीण क्षेत्र में भी की पूजा
वट सावित्री पूजा ज्यादातर शहरों में ही मनाया जाता है लेकिन अब धीरे-धीरे ग्रामीण क्षेत्र में भी वट सावित्री पूजा करने वाली सुहागिन महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। पाटन नगर के अलावा पाटन ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्र में भी वट सावित्री की पूजा आज की गई। महिलाओं समूह में बरगद के पेड़ के नीचे विधि विधान से पूजा अर्चना की। साथ ही साथ पूजा अर्चना के बाद प्रसाद का वितरण किया गया।इस अवसर पर इंदिरा नगर पाटन में अनीता निर्मलकर रेखा देवांगन संतोषी देवांगन सुंदरा निर्मलकर गंगोत्री निर्मलकर मीना निर्मलकर बिंदु निर्मलकर केशर निषाद सहित अन्य मौजूद थी।