पाठकों की पाती में आज मदर्स डे विशेष कविता अनीता वर्मा के कलम से

माँ माँ मै तो‌ तेरी ही रचना हूँ .. आज अपनी ही रचना पर क्या लिखूँ? हर पल हर दिन मेरे लिए खास हो माँ, एक अनकही सी कहानी हो.

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आज मजदूर दिवस विशेष कविता: “बोरे बासी” शीतल साहू के कलम से

बोरे-बासी —— कहिके गे हे हमर पुरखा घुरवा के दिन घलो बहुरथे सिरतोन हे उकर भाखा सौंहत आँखी मा जब वो दिखथे। फेर में तो हव इहि के माटी हरव.

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पाठकों की पाती में आज दिन विशेष: रामनवमी के शुभ अवसर पर शीतल साहू के कलम से

राम धर्म मे राम कर्म में राम। दर्शन में राम वर्चन में राम। विचारों में राम संस्कारो में राम। विमर्श में राम उत्कर्ष में राम। साहित्य में राम लालित्य में.

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