पण्डरिया।नगर के सड़कों में मेवशियों का कब्जा है।मुख्य मार्ग सहित नगर की गलियों में मवेशी बीच सड़क पर बैठे रहते हैं।जिससे सड़कें जाम हो जाती है।सड़क पर मवेशियों के चलते राहगीरों को गुजरना मुश्किल हो जाता है।लोगों को इन मवेशियों को हटाने के लिए वाहन से उतारना पड़ता है।ये मवेशी 20-30 से अधिक की संख्या में सड़क पर बैठे रहते हैं।नगर के लोरमी मार्ग,सामुदायिक भवन व जनपद के पास,गांधी चौक,तहसील चौक,नया बस स्टैंड,पाढ़ी रोड चौक,पुराना बस स्टैंड सहित कई गलियों में 100 से अधिक मवेशी सड़कों पर बैठे रहते हैं।शहर के अलावा सड़क ग्रामीण क्षेत्रों मैनपुरा,बिरकोना,रहमान कापा,कापादह,कुंडा,रहमान कापा, सहित अनेक गांवों के सड़कों पर मवेशी बैठे रहते हैं।

शाम व रात को ये मवेशी सड़क से नहीं हटते हैं,अंधेरे के चलते वाहन से दुर्घटना ग्रस्त होते रहते हैं।
कई दुर्घटनाएं होती हैं– सड़क पर इन मवेशियों के बैठे रहने के कारण कई सड़क दुर्घटना हो रही है।जिसमें मवेशी भी जख्मी हो रहे हैं,साथ ही बाईक व अन्य वाहन में सवार लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।इन मवेशियों के चलते कई सड़क दुर्घटना नगर में हो चुकी है।जिसमें लोग घायल हुए हैं,तथा कई लोगों को जान गवानी भी पड़ चुकी है।प्रति दिन छोटी छोटी घटनाएं घटती रहती है।
कार्यवाही की आवश्यकता– मवेशियों के कारण होने वाले दुर्घटनाओ को रोकने के लिए मवेशी मालिकों पर कार्यवाही करनी चाहिए।कोर्ट द्वारा आदेशित किया गया था कि सड़क में मवेशी छोड़ने वाले मवेशी मालिक के विरुद्ध थाने में मामला दर्ज कार्यवाही किया जाय।किन्तु आज तक किसी मवेशी मालिक के विरुद्ध कार्यवाही नहीं किया गया है।जबकि नगर में 150 से अधिक आवारा मवेशी सड़क पर रहते हैं।अनेक मवेशी सड़क पर ही बछड़े को जन्म दे रही है।इसके बाद भी मवेशी मालिक को खोजना पड़ता है।

कांजी हाउस का संचालन नहीं– नगर के इन आवारा मवेशियों को रखने के लिए नगर में कांजी हाउस का संचालन भी नहीं किया जा रहा है।कांजी हाऊस जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है।पिछले दो वर्षों से अधिक समय से कांजी हाऊस में मवेशी नहीं रखे जा रहे हैं।जिसके चलते मवेशी सड़क पर रहते हैं,वहीं मवेशी मालिक मवेशियों को लेकर बेफिक्र नजर आते हैं।
गौठान की जरूरत– छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गांवों में गौठान का निर्माण किया गया है।गौठान की जरूरत गांव की अपेक्षा शहरों में अधिक है।नगर में सड़क पर घूमने वाले आवारा पशुओं को स्थायी रूप से रखा जा सकता है।नगर में मवेशियों के लिए गौठान की जरूरत अधिक है।
रोका-छेका अभियान फेल-मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए शासन द्वारा रोका-छेका अभियान चलाया गया।इसके साथ ही सभी गांवों में गौठान का निर्माण कराया गया किन्तु वर्तमान में सभी गौठान जर्जर स्थिति में हैं।कोई भी गौठान सही नहीं है।गौठान में न मवेशी हैं,न ही इनके लिए चारा है।गौठान को एक मॉडल के रूप में बनाया गया था।जो अनुपयोगी साबित हो गए।शासन द्वारा निर्मित गौठान का पैसा व्यर्थ हो गया।
“मवेशी को घर में रखने की मुनादी कराई जाती है।नगर के समरूपारा में गौठान बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है,जो स्वीकृति के अंतिम चरण में है।गौठान बनने के बाद जल्द ही मवेशियों के सड़क पर विचरण पर सुधार होगा।”
लालजी चन्द्राकर, सीएमओ,नगर पंचायत पंडरिया।