अनूप वर्मा चारामा।
हैलो…… पुरुषोत्तम कुमार, मै माध्यमिक शिक्षा मंडल से बात कर रहा हूँ। तुम्हारा संस्कृत और गणित मे कम नम्बर है, अगर फर्स्ट डिवीजन आना चाहते हो तो,5000 पेमेन्ट कर दिजिए, अगर 90 प्रतिशत् लाना चाहते हो तो 8000 पेमेन्ट कर दिजिए, लेकिन किसी को बताना नही। अभी कम्प्युटर मे रिजल्ट सेट हो रहा है। 20 मिनट मे मुझे पेमेन्ट कर दो। कुछ इस तरह के फोन माध्यमिक शिक्षा मडंल के नाम पर बोर्ड में परीक्षा देने वाले छात्रो के पास 7449836878 नम्बर से आ रहे है। जो छात्रो को उनके रोल नम्बर, उनका नाम, पिता का नाम, की पहचान कराकर उन्हें विश्वास दिलाकर किया जा रहा है। इसी तरह का फोन 03 अप्रैल को चारामा विकासखण्ड के ग्राम जुनवानी के दसवी में अध्ययनरत् छात्र पुरुषोत्तम के पास भी आया। हालाकि पुरुषोत्तम के द्वारा उनकी बातो से यह समझ चुका था कि यह एक फॉड कॉल है। क्योकि 02 अप्रैल को इस तरह से फोन कर नम्बर बढाने के लिए पैसे मांगने की एक खबर रायगढ से छपी हुई थी, जिसे छात्रो ने पढ़ा था, वही जब यह फोन आया तो छात्र तुरन्त जान गये कि यह एक फर्जी कॉल है। और जब इस नम्बर को डायल किया जा रहा है तो यह नम्बर टु कॉलर में कोलकत्ता का दिखाई दे रहा है। जोकि वर्तमान में बंद बता रहा है। न जाने कितने छात्र और परिजन ऐसे ढगो के शिकार हो चुके होगे। अब सबसे बडा प्रश्न यह भी है कि किसी ढग के पास छात्रो से जुडी पुरी रोलनम्बर, नाम, पिता का नाम, जन्म तारीक की जानकारी केसे उपलब्ध हुई है। क्योकि कॉल करने वाले छात्र को विश्वास दिलाने के लिए यह जानकारी सही बता रहे है। जिससे छात्रो या उनके परिजनो को विश्वास हो जाता है कि यह कॉल माध्यमिक शिक्षा मंडल से आ रहा है। ऐसे में ऐसे अपराधो को रोकने के लिए साईबर एंव पुलिस विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है। और शिक्षा विभाग को छात्रो की जागरूकता के लिए पहल करने की आवश्यक्ता है कि वे ऐसे किसी भी झॉसे में न आये। | और इस तरह के किसी भी कॉल आने पर इसकी जानकारी पुलिस मैं दर्ज कराए।
