पाटन। खेती की दृष्टि से सावन माह को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस सावन माह में हरेली तिहार के साथ-साथ ग्रामीण अंचल के किसान इतवारी तिहार भी मानते हैं । इसमें प्रति रविवार को किसान खेती का काम बंद रखते हैं और गांव में ही चौक चौराहे पर बैठकर सुख-दुख की बातें करते हैं। वही छत्तीसगढ़ में परंपरा है कि इतवारी तिहार या फिर सावन के अंतिम रविवार को इतवारी तिहार के अवसर पर खेत की पूजा अर्चना करके किसान छत्तीसगढ़ का प्रमुख व्यंजन चीला रोटी भी चढ़ाते हैं ।
पूजा अर्चना करके किसान खेत की फसल में चीला रोटी चढ़ाते हैं साथ ही साथ अच्छी फसल होने की कामना भी करते हैं। इसी परंपरा को निभाते हुए आज ग्रामीण क्षेत्र में भी इतवारी तिहार के अंतिम दिन खेतों में जाकर पूजा अर्चना किया गया साथ ही किसानों के द्वारा चीला रोटी भी चढ़ाई गई।


ग्राम बठेना के कृषक सुनील वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में यह परंपरा चली आ रही है किसान हर सुख दुख में खेतों में ही पहुंचाते हैं साथ ही साथ आज पूजा अर्चना करके अच्छे फसल की कामना भी किया। पाटन नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के आसपास गांव में इतवारी त्यौहार मनाया गया। वही जानकारी मिली है कि पाटन के आसपास गांव में इतवारी तिहार मनाने के साथ-साथ ग्रामीण युवाओं महिलाओं ने विविध ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया ।इस आयोजन में गांव के लोग सामूहिक रूप से भाग लिए।