पंडरिया। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में तीज का त्यौहार मनाया गया।तीज पर निर्जला व्रत रखकर सुहागिन महिलाओं ने अखंड सुहाग का वर मांगा।महिलाओं ने रात में फुलेरा बनाकर रात्रि जागरण किया तथा इस दौरान भजन कीर्तन भी किया गया।तीज पर्व में महिलाएं अपने मायके आती हैं।जहां वे उपवास रखती हैं।कुछ जगहों पर कुंवारी लड़कियां भी सुयोग्य वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। तीज पर्व हर वर्ष भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। शुक्रवार हरतालिका तीज व्रत में महिलाओं ने मां पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा कर व्रत रखा।रात्रि में घरों में फुलेरा बनाकर भजन कीर्तन किया।व्रत पश्चात शनिवार सुबह शिव मंदिरों में महिलाएं पूजा पाठ के लिए पहुंचे।तीज पर्व का व्रत रखने के पूर्व करेला का सेवन किया जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के द्वारा पति की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य की कामना के लिए रखा जाता है। इस व्रत को बेहद ही कठिन माना जाता है, क्योंकि ये निर्जला व्रत होता है। हरतालिका तीज व्रत को सबसे कठिन व्रत में से एक माना जाता है। इस दिन महिलाएं बिना अन्न जल ग्रहण किए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए शास्त्रों में हरतालिका तीज व्रत को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं। कहा जाता है कि इस व्रत के दौरान कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए।हरतालिका तीज का व्रत निर्जला होता है। इस दिन पानी का भी सेवन नहीं किया जाता है। साथ ही इस व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद होता है।हरतालिका तीज व्रत के दौरान दिन व रात भर जागकर शिव और मां पार्वती की पूजा व भजन किया जाता है। मान्यता है कि यदि व्रत के दौरान कोई सोता है,तो उसे व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है।

- September 7, 2024
24 घंटे निर्जला व्रत रखकर तीज का पर्व मनाया।सुबह से मंदिरों में लगी भीड़
- by Ruchi Verma