पाटन। । जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे शुभम ठाकुर को उस वक्त राहत मिली, जब छत्तीसगढ़िया युवा क्रांति सेना के हस्तक्षेप से भाठागांव स्थित दीवान अस्पताल से न सिर्फ उसका 6 लाख रुपये का बकाया बिल माफ किया, बल्कि उसे अस्पताल से छुट्टी भी दिलाई।
शुभम ठाकुर इस साल जनवरी से अस्पताल में भर्ती था। उसकी मां सीमा ठाकुर ने पहले ही अस्पताल में 2.5 लाख रुपये नगद जमा कर दिए थे। जानकारी के अनुसार, शुभम का इलाज रायपुरा स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल में भी हुआ ।

इलाज में कुल मिलाकर 14 से 15 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। इलाज के लिए परिवार को अपनी एक एकड़ जमीन बेचनी पड़ी और कुछ मात्रा में सोने के गहने भी।
सबसे गंभीर बात यह रही कि शुभम आयुष्मान योजना के अंतर्गत भर्ती हुआ था, फिर भी अस्पताल प्रबंधन ने कुछ दिन बाद उससे नगद पैसे लेना शुरू कर दिया। आयुष्मान योजना के दौरान भी परिजनों से 2.5 लाख रुपये नकद लिए गए। लेकिन आज तक उन्हें किसी भी प्रकार का बिल या रसीद नहीं दी गई।
मामला जब छत्तीसगढ़िया युवा क्रांति सेना के संज्ञान में आया, तो उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से बातचीत कर मरीज को छुट्टी दिलाई। अस्पताल के डॉक्टर डॉ. सूर्यकांत दीवान और डॉ. वीणा चंद्रवंशी दीवान ने 6 लाख रुपये का बकाया माफ किया और मरीज को घर ले जाने की अनुमति दी।
क्रांति सेना ने एंबुलेंस की व्यवस्था कर शुभम ठाकुर को बरबसपुर,पाटन स्थित उसके घर तक सुरक्षित पहुंचाया।
यह मामला छत्तीसगढ़ में गरीब मरीजों के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है, जहां संगठित प्रयासों से न्याय संभव हुआ
