छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरेशन अब किसी आंदोलन का हिस्सा नहीं : मुख्यमंत्री ने बहुत बडी सौगात दे दी : राजेश पाल

प्रदेश में शिक्षकों व कर्मचारियों की लंबित मांग चाहे वह केंद्र के समान महंगाई भत्ता हो, सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता हो ,ओल्ड पेंशन की मांग हो ,सहायक शिक्षक के वेतन विसंगति दूर करने की मांग हो या अन्य मांग कोई मांग हो छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरेशन ने सदैव सरकार के खिलाफ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आवाज बुलंद किया है यहां तक कि वर्तमान में कर्मचारी अधिकारी फैडरेशन संयुक्त मोर्चा के बैनर तले होने वाले एक दिवसीय आंदोलन में भी समर्थन किया है और आगे 1 अगस्त को होने वाले अनिश्चित कालीन हड़ताल में भी पूरे ताकत के साथ मैदान में उतरने का मन बना लिया था। अपितु छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल के द्वारा आज विधानसभा में कर्मचारियों व शिक्षकों के हित में लिए गए सकारात्मक निर्णय चाहे वह केंद्र सरकार के समान 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता हो, सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता हो जैसे ज्वलंत मांगों को देने की घोषणा से निश्चित तौर पर कर्मचारियों व शिक्षकों को बडी मांग पूरी हो गई एवं हम मुख्यमंत्री जी के घोषणाओं का स्वागत करते हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी नए शिक्षा मंत्री व अन्य मंत्रीमंडल का धन्यवाद करते हुए उनका प्रदेश के 5 लाख कर्मचारी व शिक्षकों की ओर से साधुवाद करते हैं एवं नए शिक्षा सत्र में छात्र हित को सर्वोपरि रखते हुए वर्तमान में चल रहे सभी आंदोलनों से अपने को अलग करता है। यह छत्तीसगढ शिक्षक महाफैडरेशन संगठन के कोर कमेटी द्वारा लिया गया निर्णय है जो कि उनका संगठन का व्यक्तिगत निर्णय होगा।अपितु सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति, उनके अंतरजिला स्थानांतरण, ओल्ड पेंशन को 30 वर्ष की बजाय 20 वर्ष में देने जैसे अन्य मांगों को पूरा कराने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाएगा और संगठन को यकीन है कि छत्तीसगढ़ के यशश्वी व संवेदनशील मुख्यमंत्री शेष मांगो पर जल्द ही सकारात्मक रुख अपनाते हुए कर्मचारी हित में फैसला देंगे। महाफैडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाल ने राज्य के 2 लाख शिक्षकों सहित 3 लाख कर्मचारी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उनकी जीत है।