पाटन । खुद के लिए खादी का कफन तैयार करने वाले अनूठे गांधीवादी व्यक्ति स्व श्री पंथराम वर्मा की स्मृति संजोने उनके गृहग्राम मटंग में स्थापित उनकी मूर्ति का प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को अनावरण करेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज शाम 4 बजे पाटन के ग्राम मटंग आएंगे और स्व वर्मा के घर पास ही स्थापित मूर्ति का अनावरण करेंगे,इस अवसर पर स्वर्गीय वर्मा का पूरा परिवार उपस्थित रहेगा।


महात्मा गांधी से प्रभावित गांधीवादी सर्वोदयी नेता के रूप में पहचान बनाने वाले स्व पंथराम वर्मा पर गांधी जी के विचारों का जबरदस्त प्रभाव पड़ा। गांधी से उन्हें इतना जुड़ाव रहा कि उन्होंने महज 17 साल की उम्र से सूत कातकर वे अपने लिए खादी के कपड़े तैयार करने लगे थे और 96 वर्ष की आयु में मृत्यु के पूर्व तक वे 79 साल तक चरखे से सूत कातते रहे।
उल्लेखनीय है कि भूमिदान आंदोलन में विनोबा भावे के साथ चलकर पाटन ब्लॉक के छोटे से गांव मटंग को पहचान दिलाने वाले पंथराम वर्मा का 96 वर्ष की उम्र में 1(2019) दिसम्बर को निधन हो गया था।
पंथराम का जन्म 1 अक्टूबर 1924 को हुआ था। इनके पिताजी स्व. उदयराम वर्मा कांग्रेस के किसान नेता व 1952 से 1967 तक विधायक रहे। अपनी स्वभाविक मौत से पहले गांधी जी के आदर्शों पर चलने वाले पंथराम ने चरखा चलाकर कफन का कपड़ा पहले ही बुन लिया था। उसी कफन में लिपटकर वे कर्मभूमि से विदा हुए। इनके छोटे भाई स्व. अनन्तराम वर्मा पूर्व विधायक व मंत्री रहे। पंथराम ने मिडिल स्कूल पाटन से सातवीं तक की शिक्षा ली। उनकी रुचि साहित्य ज्यादा रही। उन्होंने रामायण की परीक्षा गोरखपुर, शिशु परीक्षा विनय पत्रिका, अरण्य कांड, सुंदरकांड, दोहावली, मानस रहस्य, सभी परीक्षा उतीर्ण की और स्वतंत्रता संग्राम के समय गांधी वाघमय का मनन चिंतन किया था।
कृषि में स्वयं हल चलाने से लेकर बड़े परिवार की जिम्मेदारी बखूबी निभाते रहे। राजनीतिक क्षेत्र में पिता के साथ 1942 में गांव-गांव जुलूस निकालना। भारत छोड़ो के नारे के साथ सक्रिय रहते। पिता के जेल जाने के बाद भी अभियान चलाते रहे। वे संत विनोबा भावे के शिष्य रहे। महात्मा गांधी के निधन के बाद उनके सेवा ग्राम वर्धा आश्रम में सर्वोदय समाज की स्थापना के समय पिता के साथ मौजूद रहे। भूदान आंदोलन 18 अप्रैल 1959 को संत विनोबा भावे की 13 वर्षीय पदयात्रा में प्रथम भूदान प्रारंभ हुआ। देशभर में 45 लाख एकड़ जमीन मिली। अपने क्षेत्र में स्वर्गीय ठाकुर प्यारेलाल की पदयात्रा से 1954 में भूदान प्राप्त हुआ।

1963 में अखिल भारतीय सर्वोदय सम्मेलन रायपुर में हुआ। 1964 में विनोबा की पदयात्रा रायपुर के दुर्ग जिले में चली। उस समय पूरे एक माह तक लगातार जिला संयोजक के नाते उनके साथ रहे। जिले में भी 13000 एकड़ भूमि प्राप्त हुई और वितरण हुआ। रचनात्मक कार्यों में खादी ग्रामोद्योग, जिसमे सूत कतई, घानी से तेल पेराई, शराब एवं गौ हत्या बंदी का कार्य चलाया था।