संजय साहू
अंडा। ग्रीष्मकालीन अवकाश का सदुपयोग करने की दृष्टि से शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कोलिहापुरी दुर्ग में नवाचारी शिक्षक व प्रधान पाठक राम कुमार वर्मा द्वारा जापानी कला ओरिगामी सहित अन्य शैक्षिक क्रियाकलापों का आयोजन किया गया है । इसकी प्रथम कड़ी में जापानी कला ओरिगेमी के सैद्धांतिक और प्रायोगिक अभ्यास विद्यार्थियों को कराया जा रहा है। इसे पढ़ाई -लिखाई की गतिविधियों और गणित विषय के साथ जोड़ते हुए बताया गया कि रेखा गणित की रेखाएं, विभिन्न आकृतियों को जापानी कला ओरिगामी से सरलता से सीखी जा सकती है।


साथ ही ठोस आधार प्राप्त करते हुए इसकी अवधारणाओं को अच्छी तरह से समझा जा सकता है। प्रशिक्षक राम कुमार वर्मा द्वारा यह भी बताया गया कि जापान में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा अपने धर्म ग्रंथों को सुरक्षित व इसके पृष्ठों को संभाल कर रखने की प्रक्रिया से प्रारंभ हुई इस कला को धार्मिक आस्था के साथ जोड़ा गया है। जापान वासियों द्वारा अपने इष्ट देवी-देवताओं को कागज के बने फूल अर्पित किए जाते हैं।

वहीं जापानी छात्रा बीमार होने पर एक हजार एक सारस बनाकर अर्पित करने का संकल्प लिया गया था ,पर उसकी आकस्मिक मौत हो जाने से उसका संकल्प अधूरा रह गया। तब अन्य बालिकाओं ने उसके संकल्प को पूरा करने में मदद की इस तरह से ओरिगेमी का प्रचलन जापान में बढ़ता चला गया और यह कला पूरी दुनिया के अन्य भागों में भी प्रचलित हो गई ।इससे बच्चों की सृजनात्मक क्षमता बढ़ती है । बच्चे जब कागज को विभिन्न सोपानों में मोड़ते हैं और कोई मनोरंजक आकृति प्राप्त करते हैं, तो उनका मन आनंद से भर जाता है। इसका सैद्धांतिक और प्रायोगिक अभ्यास कराया गया। इसके तहत सूर्यमुखी और गुलाब की कली से बने ग्रीटिंग कार्ड का निर्माण कराया गया। इसमें बच्चों ने काफी प्रसन्नता व्यक्त की ।

इसमें बी एड छात्राध्यापिका ऊमा उईका ने सहित इंद्राणी, वर्षा, ऋतु, मुस्कान, वैशाली,नेहा ने सक्रियता से सहयोग किया। इस तरह से ग्रामीण बच्चों के लिए नवाचारी शैक्षिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए ग्राम सरपंच ज्वाला प्रसाद देशमुख, जनपद सदस्य ज्ञानेश्वर मिश्रा, शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष संजय कुमार साहू, उपाध्यक्ष सेवती साहू, शिक्षाविद् डॉ के एल देशमुख, विकास खंड शिक्षा अधिकारी दुर्ग गोविंद साव आदि ने प्रसन्नता व्यक्त की है।