बच्चों ने किया मधुबनी चित्रकला का प्रायोगिक अभ्यास,बटरेल स्कूल में बैग लेस डे पर हुआ आयोजन


पाटन।बच्चों की सृजनात्मक क्षमता और सौंदर्यबोध को जागृत करने की दृष्टि से शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बटरेल पाटन में बिहार की लोकप्रिय लोक चित्रकला शैली मधुबनी पेंटिंग का प्रायोगिक अभ्यास कराया गया। शनिवार बस्तविहीन दिवस के अंतर्गत प्रधान पाठक राम कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में चित्रकला में रुचि रखने वाले बच्चों को मधुबनी पेंटिंग की प्रादेशिक पृष्ठभूमि से अवगत कराते हुए चटकदार रंगों से देवी- देवताओं के आनुष्ठानिक चित्र बनाने की शैली से परिचित कराया गया। साथ ही माता दुर्गा, माता लक्ष्मी शेर, लकड़ी का गट्ठर लाती नारी आदि की रेखा कृति में रंगीला कलर भरने का अभ्यास कराया गया। बच्चों को यह भी बताया गया कि यह बिहार राज्य की मधुबनी जिला में प्रचलित लोक चित्रकला शैली है। इसी तरह से छत्तीसगढ़ में आठे कन्हैया, राऊताईन हाथा, दीवारों पर केंवट भाठ चित्र, दीपावली के समय चित्रित किया जाने वाला ज्यामिति चित्र, सावनाही सहित आदिवासी क्षेत्रों में भित्ति अलंकरण की विशिष्ट परंपरा‌से परिचित कराया गया है । इसे क्रमशः प्रायोगिक अभ्यास कर अपनी सृजनात्मक क्षमता को विकसित करने की प्रेरणा बच्चों को दी गई। इसमें शिक्षिका मालती तिवारी, भारतीय ठाकुर, शारदा शर्मा, शिक्षक हेमलाल साहू ने सक्रियता से सहयोग किया। इसमें बच्चों ने रुचि लेकर अपनी सृजन क्षमता का विकास किया । इस प्रयास के लिए विकास खंड शिक्षा अधिकारी टी. एस.जगदल्ले, बी. रामखेलावन चौपड़िया, संकुल समन्वयक टिकेश्वर गजपाल,की.एस.पिपरिया प्राचार्य जागृति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बटरेल ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की है।