पाटन।महिला एवं बाल विकास विभाग कुपोषण को दूर करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है । अजय कुमार साहू जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी जिला दुर्ग ने बताया कि कुपोषण मुक्त ग्राम पंचायत बनाने हेतु विशेष कार्ययोजना बनाई गई हैl इस कार्ययोजना के तहत सभी कुपोषित बच्चों के यहां प्रभावी गृहभेट करने के निर्देश दिए गए । एकीकृत बाल विकास परियोजना पाटन जिला दुर्ग के कुपोषण मुक्ति हेतु चयनित ग्राम पंचायत असोगा के आंगनबाड़ी केंद्र असोगा केंद्र क्रमांक 01 की कहानी है जिसमें कुपोषित बच्चे आज सुपोषित होकर स्वस्थ्य तथा निरोगी है पिता हेमंत जांगड़े और माता पूर्णिमा जांगड़े ग्राम असोगा के दो जुड़वा बच्चे लड़का ईशान जिसका वजन जन्म के समय मात्र 1.5 किलोग्राम और लड़की इशानी का वजन मात्र 1.4 किलोग्राम था, जिसके कारण वे दोनों बच्चे अतिगंभीर कुपोषण के शिकार थे । SAM होने के कारण बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास सही तरीके से नहीं हो रहा था । शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के सतत निगरानी में रहे एवं पोषण युक्त भोजन , रेडी टू इट का नियमित सेवन और घर में ही निर्मित खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल और कार्यकर्ता श्रीमती राधा देवांगन के लगातार सतत गृहभेट से आज दोनों ही बच्चे सुपोषित हो गए है नियमित गृह भेंट कर माता को नियमित स्तनपान की सलाह दी , 6 माह बाद ऊपरी आहार जिसमें रेडी टू ईट(RTE) से बने लड्डू, दलिया, फल, भाजी खाने की सलाह दी ताकि बच्चों को जरूरी पोषक तत्व मिल सके । पर्यवेक्षक कंचन माहेश्वरी ने भी नियमित निगरानी और समय समय पर वजन ऊंचाई लेकर ग्रोथ चार्ट द्वारा माता पिता को पोषण सलाह दी, आज यह बच्चे कुपोषण से बाहर है और एकदम स्वस्थ हैऔर अभी ईशान का वजन 8.2 किलोग्राम और ऊंचाई 74 सेमी तथा इशानी का वजन 7.5 किलोग्राम एवं उंचाई 72 सेमी है दोनों बच्चे अभी 1 वर्ष 2माह के है ।आज दोनों जुड़वा बच्चे के माता पिता बच्चे के सुपोषित होने से बहुत खुश है ।
