जर्जर आंगनबाड़ी भवन में हादसे के साएं में अक्षर ज्ञान सींख रहे बच्चे, किसी बड़े हादसे के इंतजार में हैं नगर पंचायत

आशीष दास

कोंडागांव/बोरगांव । प्रदेश सरकार छोटे-छोटे बच्चों के अच्छे विकास, पोषण और आरंभिक शिक्षा के पीछे बड़े पैमाने पर पैसे बहा रही है। इस काम के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रहीं है। ऐसे में बहुत सारे आंगनबाड़ी तो सुचारू रूप से संचालित होते हैं, लेकिन कई ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं, जिनकी स्थिति देखकर प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लग जाते हैं।

आंबा केन्द्र क्षतिग्रस्त दीवाल और छत अपनी बदहाली की आंसू रो रहा है-

नगर पंचायत फरसगांव के आश्रित ग्राम पासंगी के आंगनबाड़ी केंद्र वर्षों पुराना होने के कारण अत्यंत जर्जर और बदहाल हो चुके हैं। इसके बाद भी आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किया जा रहा है, जिसे नौनिहाल बच्चों के लिए सिर पर खतरा मंडरा रहा है। अधिक पुराना होने के कारण भवन के दीवाल और छत क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। बरसात के दिनों में छत से पानी टपकने लगता है। वहीं देखरेख के अभाव में आंगनबाड़ी भवन का नींव भी कमजोर पड़ गया है साथ ही बच्चों के लिए बने शौचालय की स्थिति भी बदहाल है।

कई सालों से अधूरा पड़ा है नवनिर्मित आंबा केन्द्र-

आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की दर्ज संख्या 23 से अधिक है। नौनिहाल बच्चों के पालकों ने बच्चों की सुरक्षा का ध्यान में रखते हुए जर्जर भवन को डिसमेंटल कर नवीन आंगनबाड़ी भवन निर्माण की मांग किया था जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा 2017 में नए आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण हेतू लाखों की राशि स्वीकृत की गई थी। लेकिन पिछले 4 वर्ष से नवनिर्मित भवन आज भी आधा अधूरा बनकर पड़ा हुआ है। इसमें नगर पंचायत भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है शायद कोई बड़े हादसे का इंतजार है।

ग्राम वासियों ने मांग की है कि नए आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण किया जाए। ताकि नौनिहाल बच्चों को हादसे से बचाया जा सके। इस ओर जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए।

आंख मूंदकर बैठा है नगरपंचायत व प्रशासन-

नगर पंचायत फरसगांव के पार्षद व पासंगी के निवासी मुलचंद पांडे, उसी वार्ड के पार्षद द्रोपदी पांडे, ने बताया कि आंबा केंद्र की बदहाली को नगर पंचायत, जिला प्रशासन और विधायक सभी नजरअंदाज कर रहे हैं। कई बार नगर पंचायत से लेकर उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब तक किसी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र में हादसे का डर बना रहता है। भवन इस कदर जर्जर है, कि कभी भी कोई भी दुर्घटना हो सकती है। आंगनबाड़ी केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। नौनिहाल जर्जर भवन में कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं। आने वाले भविष्य में यदि कोई अनहोनी हो जाए, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

शिकायत के बाद भी सुधार नहीं-

ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पासंगी में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है, जिसमें ५० बच्चे प्राथमिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जर्जर भवन के मरम्मत व नव निर्माण को लेकर कई बार मांग व शिकायत कर चुके हैं, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में भवन जर्जर होने के कारण पालक किसी अनहोनी को लेकर सहमे रहते हैं। पालकों ने पूरी तरह जर्जर हो चुके आंगनबाड़ी भवन का नव निर्माण की मांग कर रहे हैं। ताकि बच्चों को राहत मिल सके।