जर्जर स्कूल भवन में पढ़ रहे बच्चे, विभाग नहीं दे रही ध्यान

आशीष दास

कोंडागांव/बोरगांव । कोंडागांव जिले में सरकारी स्कूल भवनों की जर्जर स्थिति यहां पढ़ने वाले बच्चों के साथ पदस्थ शिक्षकों के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो रही है। बारिश के दौरान इन भवनों से रिसने वाली पानी की वजह से गीले फर्श में बैठकर बच्चों को पढ़ना पड़ रहा है।

ऐसा ही एक स्कूल विकासखंड मुख्यालय फरसगांव से महज 3 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कोर्राबड़गांव पुजारीपारा में शासकीय उच्च प्राथमिक शाला शिक्षा के प्रति सरकार की गंभीरता की पोल खोल देता है। विकासखंड मुख्यालय के आस-पास यदि शिक्षा के मंदिर की स्थिति ऐसी है तो सहजता से अंदाजा लगाइए कि अंदरूनी क्षेत्र में क्या स्थिति होगी?

इस स्कूल की व्यथा यह है कि यहां वर्षों पहले बनी इमारताें की काेई सुध नहीं ले रहा है। यहां तक कि विभागीय अधिकारियों ने इस बारे में बोलने से बचना शुरू कर दिया है। लेकिन अभी तक किसी अधिकारी ने इस बारे नहीं सोचा। स्कूलों की बदहाली की तरफ न तो विभाग की तरफ से ध्यान दिया जाता और न ही सरकार को असलियत पाता है।

शा.उ. प्राथमिक शाला पुजारी पारा कोर्राबड़गांव के भवन का निर्माण सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 2005-06 में किया गया था। समय और मौसम की मार की वजह से डेढ़ दशक में यह सरकारी भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। भवन के छत से रिस रहे बारिश की पानी की वजह से इसमें लगे हुए छड़ और प्लास्टर झड़ने लगे हैं। जगह-जगह छत की दीवारों पर दरारें नजर आने लगी है। इन दिनों रूक रूक कर हो रही बारिश की वजह से इस स्कूल भवन का फर्श और दीवार पानी से सराबोर है। बावजूद इसके इस स्कूल पर आश्रित बस्ती के बच्चें यहां पढ़ाई करने के लिए विवश है। इस जर्जर स्कूल में चालू शिक्षा सत्र में 16 बच्चों का नाम दर्ज किया गया है। बच्चें निर्धारित समय पर स्कूल पहुंच जाते हैं। मौसम साफ होने पर स्कूल में सामान्य दिनों की तरह पढ़ाई होती है लेकिन भारी बारिश होने पर शिक्षकों के लाख जतन के बावजूद पढ़ाई पर बारिश का असर दिखाई देने लगता है।

जर्जर भवन की जानकारी कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दे चुके हैं। लेकिन अब तक ना तो भवन की मरम्मत की गई है और ना ही नए भवन के निर्माण के लिए पहल किया गया है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर हो रहे इस खिलवाड़ से स्थानीय ग्रामीणों ने काफी नाराजगी जाहिर की।

यहां के सरपंच शैलेंद्री नेताम, दुआरु नेताम, दिनेश नेताम, दुखु राम पोयाम, गंगा राम नेताम, रघुनाथ पोयाम,आयतु राम नेताम ने बताया कि स्थानीय प्रशासन का ध्यान कई बार इस स्कूल भवन की ओर आकृष्ट किया गया है। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। उन्होनें कहा कि अधिकारियों की इस लापरवाही से बच्चों का जीवन दांव पर लगा हुआ है। लेकिन किसी को इसकी चिंता नहीं है। शिक्षा सत्र के शुरूआत में कागजी खानापूर्ति के लिए अधिकारी स्कूल में आतें हैं और यहां की समस्या और जरूरत की लेकर इसे जल्द पूरा करने का रटा रटाया आश्वासन दे कर चले जाते हैं तो आप अपने आप में से किसी को नहीं मिल पा। लेकिन स्थिति जस की तस बनी रहती है। नाराज अभिभावकों का कहना है कि इस स्कूल में बारिश के दौरान जर्जर छत के प्लास्टर के गिरने का सबसे अधिक खतरा है। अगर इस तरह की घटना होती है तो इसके लिए सीधे तौर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी जिम्मेदार होगें।

इस विषय पर जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल का कहना है कि कोंडागांव जिले में जितने भी मरम्मत लायक स्कूल है उनका एस्टीमेट के साथ प्रस्ताव डीपीआई में प्रस्तुत है। जैसा कि सीएम साहब ने स्कूल मरम्मत हेतु 500 करोड़ रुपए की घोषणा किए हैं उसी में ही हमारे जिले के भी मरम्मत कार्य स्वीकृत है जैसे ही कार्य स्वीकृत हो जाएगी बहुत जल्दी ही मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा।