आशीष दास
कोंडागांव/बोरगांव । मंजिल पर वही पहूंचते है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। यह बात कद में छोटी लेकिन बुलंद हौसले वाली सोमारी मरकाम पर जचती है जो हर जगह नौकरी में निराशा हाथ लगने के बाद रोजगार सहायक के माध्यम से मेट बनकर अब ग्रामीणों को रोजगार दे रही है। उनके इसी बुलंद हौसले की किसी और ने नहीं बल्कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सराहना की।
अपने बस्तर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमारी मरकाम से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मोबाइल भेंटकर सोमारी के साथ एक सेल्फी भी ली। गरीब परिवार की सोमारी मरकाम 12 वीं पास करने के बाद महिला मेट के रूप में कार्य करते हुए अपने दायित्वों के निर्वहन के साथ गांव के लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा रही है।
अनुवांशिक बीमारी के कारण जन्म से बौनी सोमारी के परिवार में माता – पिता और एक भाई है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से प्राइवेट में कॉलेज की पढ़ाई कर रही है। नौकरी की चाह में जगह – जगह भटकने के बाद कहीं सफलता नहीं मिली तो निराशा के इस दौर में रोजगार सहायक गौरी देहारी से मिलने का मौका मिला। जहां गौरी से उन्हें महिला मेट की जानकारी मिली। अब मेट बनकर वे लोगों को रोजगार दे रही है। बतौर महिला मेट सोमारी रोज सबह 5 बजे से कार्यस्थल पर पहुंचकर गोदी की मार्किंग कर खुदाई करवाती हैं , साथ ही पंजी का संधारण कर जॉबकार्ड अद्यतन करने एवं मोबाइल एप के जरिए मस्टर रोल ऑनलाईन भरने का कार्य करती हैं। सोमारी कहती हैं कि उन्हें अपना कार्य बहुत पसंद है। वे प्रतिदिन लोगों से मिलकर लोगों को मनरेगा अंतर्गत रोजगार हेतु प्रेरित करती है।
ग्राम पंचायत आलोर में सावित्री कोर्राम और गौरी देहारी के साथ सोमारी को ग्रामीण तीन देवियों के नाम से बुलाते हैं। इन तीनों के प्रयास से गांव में मनरेगा के अंतर्गत नवीन कार्यों के चयन , उनके क्रियान्वयन के साथ समय पर भुगतान प्राप्त होने से लोगों में शासकीय योजनाओं के प्रति विश्वास बढ़ा है।