सीएम ने छत्तीसगढ़ ओलिंपिक खेलों की शुरुआत कर विलुप्त हो रहे खेलों को दी पहचान

जशपुर। छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक में बचपन में खेले गए खेलाें की पुनरावृत्ति दिखाई दे रही है। विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके कबड्डी, पिटठुल, गिल्ली डंडा, खो-खो, लंगड़ी दौड, फुगड़ी, गेड़ी जैसे खेलों को ग्रामीण बड़े चाव से खेलकर क्षेत्र का नाम राेशन कर रहे हैं, छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ ओलिंपिक खेलों की शुरुआत कर पौराणिक खेलों को एक बार फिर से जीवित कर दिया है। उक्त बातें तमता के खेल मैदान में ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हरगोविंद अग्रवाल ने मौजूद खिलाड़ियों से कही।

दरअसल इन दिनो पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक के तहत पुराने खेलों की स्पर्धा आयोजित कराई जा रही है। जिसमें बच्चे व युवाओं के अलावा गांव देहात की बुजुर्ग महिलाएं भी अपने बचपन के खेलों को दोबारा खेलकर आनंद उठा रही है। दिन गुरुवार को ग्राम पंचायत तमता में छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का समापन हुआ। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष हरगोविंद अग्रवाल मौजुद रहे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता तमता के सरपंच यदु बाज व विशिष्ट अतिथि अशोक अग्रवाल, छत्रमोहन यादव, हिरामति चौहान, जयसिंह पैंकरा रहे। राजीव गांधी युवा मितान क्लब और ग्रामीणों के सहयोग से आयोजित ओलिंपिक प्रतियोगिता के खेलों का कई दिनों तक ग्रामीणों ने आनंद लिया। समापन के मौके पर आस-पास क्षेत्र के लोग मौजूद थे।