न्याय के लिए दर दर भटक रहा है सीएमओ,  गाली गलौच कर जान से मारने की धमकी देने वाले पर अभी तक नही हो पाई एफआईआर दर्ज, साहू समाज ने भी  पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग


धमतरी। नगर पंचायत गौरेला के मुख्य नगर पालिका अधिकारी नारायण साहू को गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देने वाले कन्हैया राठौर को पुलिस बचा रही है। 9 जून 2024 को रात्रि लगभग 10 बजे भारतीय जनता पार्टी गौरेला पेंड्रा मरवाही के जिला अध्यक्ष कन्हैया राठौर गौरेला नगर पंचायत के सीएमओ नारायण साहू के मोबाइल नंबर पर फोनकर मां बहन की गाली गलौज तथा जान से मारने की धमकी तथा चेंबर में घुसकर मारने की धमकी देता है और देख लेने की धमकी देता है। चूँकि उस दिन अवकाश होने के कारण सीएमओ नारायण साहू अपने गृह नगर भिलाई में परिवार के साथ थे। घटना के बाद पीड़ित सीएमओ के द्वारा भिलाई थाना सेक्टर 6 जिला दुर्ग में लिखित शिकायत दर्ज कराना चाहा तो वहां के थाना प्रभारी ने उन्हें गौरेला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कहा और लिखित आवेदन पत्र में मूल घटना गौरेला थाना में आवेदन भेजा जाना लिखकर वापस कर दिया जाता है।

इसके बाद पीड़ित सीएमओ गौरेला थाना 26 जून को गौरेला थाना के टीआई श्री रात्रे को लिखित में शिकायत आवेदन तथा आरोपी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करना चाहा तो थाना प्रभारी द्वारा उनका शिकायत आवेदन लेने से भी इंकार कर दिया। क्योंकि सीएमओ नारायण साहू को गाली गलौज तथा जान से मारने की धमकी देने वाला व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के अध्यक्ष है इसलिए पुलिस प्रशासन के द्वारा हील हवाला किया जा रहा है। पीड़ित सीएमओ नारायण साहू का लिखित शिकायत लेने से इनकार कर दिया। अब पीड़ित सीएमओ नारायण साहू अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए दर-दर भटक रहा है।

इसकी सूचना मिलते ही छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, महामंत्री दयाराम साहू, उपाध्यक्ष चंद्रिका साहू एवं साहू समाज राजिम भक्तिन माता समिति के अध्यक्ष लाला साहू, महामंत्री सोहन साहू प्रदेश संयुक्त सचिव हीरेंद्र साहू कोरबा जिला साहू संघ के अध्यक्ष गिरजा शंकर साहू, जांजगीर चापा के प्रदेश प्रतिनिधि नरेंद्र साहू, डॉ दाताराम साहू घटना स्थल थाना गौरेला पहुंचे। सामाजिक प्रतिनिधियों के उपस्थिति में पीड़ित सीएमओ नारायण साहू ने शिकायत दर्ज कराना चाहा तो भी गौरेला थाना के टीआई श्री रात्रे ने रिपोर्ट दर्ज करना तो दूर लिखित शिकायत पत्र भी लेने से भी इनकार कर दिया। इससे आक्रोशित सामाजिक प्रतिनिधियों ने उचित कार्यवाही नहीं होने पर प्रदेश स्तरीय आंदोलन करने की बात कही है। छत्तीसगढ़ में अपराधियों को बचाने की पुलिस की जो परंपरा चल रही है वह बहुत ही चिंताजनक है। इस प्रकार यदि घटना का संज्ञान नहीं लिया गया तो आने वाले समय में यह व्यापक रूप धारण कर सकता है। इसके लिए पुलिस प्रशासन एस पी थाना प्रभारी एवं जिला प्रशासन कलेक्टर जिम्मेदार होंगे ।